अपात्र कर्मचारियों को नियमित करने के मामले में सहायक आयुक्त निलंबित
रायपुर, सेवा नियमों को दरकिनार कर अपात्र कर्मचारियों को नियमित करने के मामले में गरियाबंद जिले के सहायक आयुक्त बीके सुखदेवे को निलंबित कर दिया गया है। मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान आदिम जाति विकास मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने सहायक आयुक्त सुखदेवे के निलंबन की घोषणा की है। मामले को लेकर प्रश्नकाल के दौरान राजिम विधायक अमितेष शुक्ल ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया था। जिस पर मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने कार्यवाही की है।
ज्ञात हो कि गरियाबंद जिले के आदिवासी बालक आश्रम शालाओं में शासन के नियमितीकरण के नियमो को दरकिनार करते हुए अपात्र अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने के मामले को लेकर सहायक आयुक्त बीके सुुखदेवे लगातार सुर्खियां में थे। इसमें 4 साल से अधिक समय से गायब एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को भी नियमितीकरण का तोहफा दिए जाने की शिकायत जिला प्रशासन से लेकर सचिवालय तक दर्ज कराई थी लेकिन चार महिने तक मामला ठंडे बस्ते में ही रहा। सत्र के दौरान विधानसभा में मामला उठने के बाद अंतत सहायक आयुक्त सुुखदेवे के विरूध्द निलंबन की कार्यवाही की गई है।
इधर कार्यवाही के चार दिन पहले 10 मार्च को ही सहायक आयुक्त सुखदेवे को हटाकर जिला प्रशासन ने उनका प्रभार डिप्टी कलेक्टर अनुपम टोप्पो को दे दिया था। इसके पीछे स्वास्थ्यगत कारणो को वजह बताया गया था। परंतु इसे लेकर अब अंदाजा लगाया जा रहा है कि कार्यवाही की भनक जिला प्रशासन को पहले से ही लग चुकी थी, जिसके चलते पहले ही सुखदेवे को हटा दिया गया।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनघोषणा पत्र को ध्यान में रखते हुए अनियमित कर्मचारियों को नियमानुसार नियमित करने का फरमान जारी किया था, इसके बाद दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाना था। लेकिन क्षेत्र के आदिवासी बालक आश्रम शालाओ में नियमितीकरण के नाम पर बड़े पैमाने मंे भ्रष्ट्राचार किया गया।नियमितीकरण में तथाकथित लोगो को लाभ दिलाने सहायक आयुक्त बीके सुखदेवे व स्थापना शाखा के बाबू एलआर देवांगन द्वारा सारे नियम दरकिनार कर दिए गए। यहां तक साढ़े चाल से अनुस्थित एक दैनिक वेतन भोगी अनियमित कर्मचारी सोम लाल नेताम को नो वर्क नो पेमेंट व मेडिकल छुट्टी दिखाकर नियमित कर दिया गया।