एकल परिवार से भी बढ़ रहा है मानसिक तनाव; एम्स में मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह
रायपुर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के मनोरोग चिकित्सा विभाग के तत्वावधान में मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के अवसर पर चिकित्सा और नर्सिंग छात्रों को आत्महत्या रोकने का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस अवसर पर छात्रों को मनोरोग पहचानने और उनका रोकथाम करने के उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। विशेषज्ञों का कहना था कि एकल परिवार में रहने और मोबाइल के ज्यादा प्रयोग से भी जीवन में अधिक तनाव हो रहा है।
गेट कीपर ट्रेनिंग फॉर सुसाइड प्रिवेंशन कार्यशाला में विशेषज्ञों का कहना था कि जीवन शैली में बदलाव से तनाव बढ़ रहा है। परिवार एकल हो रहे हैं जिससे परिजन अपने मन की बात खुलकर व्यक्त नहीं कर पा रहे। इसी प्रकार मोबाइल के माध्यम से अपने मनोभावों को व्यक्त करने की आवश्यकता पड़ रही है। नशे के दुष्प्रभाव और वर्क फ्रॉम होम से भी मनोरोग के केस बढ़ रहे हैं। इन्हीं को चिन्हित करने और रोकथाम के बारे में कार्यशाला के माध्यम से छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। मुख्य अतिथि अधिष्ठाता (शैक्षणिक) प्रो. आलोक चंद्र अग्रवाल का कहना था कि मनोरोग को समय पर पहचान कर इसका उपचार जल्द किया जा सकता है।
विभागाध्यक्ष डॉ. लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि विभाग की ओपीडी में निरंतर मनोरोगी बढ़ रहे हैं। ओपीडी में लगभग 500 रोगी आ रहे हैं। इसके अतिरिक्त औसतन 80 रोगी सोमवार और गुरुवार को आयोजित होने वाले नशा मुक्ति क्लिनिक में भी आ रहे हैं। विभाग द्वारा 13 अक्टूबर तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें कर्मचारियों के लिए वर्क लाइफ बैलेंस, छात्रों के लिए टीम बिल्डिंग, अभिभावकों के लिए कार्यशाला में बच्चों की परवरिश के बारे में मनोरोग विशेषज्ञों ने उपयोगी जानकारी प्रदान की। कार्यक्रमों में 500 से अधिक चिकित्सकों, छात्रों, नर्सिंग अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर डॉ. निरिशा, डॉ. आलौकिक, डॉ. नमिश, डॉ. सुचित्रा, डॉ. नीलेश, डॉ. अकीला, डॉ. तान्या, डॉ. शुभादीप, डॉ. सौरभ, डॉ. सुजिता, डॉ. श्रेया और डॉ. लक्ष्य भी उपस्थित थे।