एम्स में खिलाड़ियों और पुनर्वास रोगियों को मिलेगी मदद; मोशन लैब में पांच नई सुविधाएं
रायपुर , अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान विभाग में अब आघात, ब्रेन ट्यूमर, रीढ़ की हड्डी या अन्य किसी बीमारी की वजह से संतुलन न बना पाने या चलने में चुनौतियों का सामना करने वाले रोगियों के लिए अब मोशन लैब में पांच नई अत्याधुनिक सुविधाएं प्रारंभ की गई हैं। इनकी मदद से कैमरे और सेंसर के माध्यम से रोगियों के कमजोर बिंदुओं को चिह्नित कर उनका इलाज किया जाएगा। इसके साथ ही खेल के दौरान चोटिल हुए खिलाड़ियों को भी बेहतर तरीके से इलाज प्रदान किया जाएगा।
एम्स के पीएमआर विभाग में पांच नई सुविधाओं का अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) जार्ज ए. डिसूजा और निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने उद्घाटन किया। इन सुविधाओं की मदद से एम्स में आने वाले नस संबंधी और पुनर्वास के औसतन 120 रोगियों को कई अत्याधुनिक सुविधाएं मिल सकेंगी। वर्चुअल रिएल्टी रिहेब्लिटेशन (निर्वाण) की मदद से दो प्रोजेक्टर और दो मूवमेंट सेंसर कैमरा की मदद से विभिन्न गेम की परिस्थितियों पैदा करके रोगियों का उपचार किया जाएगा। इससे आघात, मस्तिष्क संबंधी रोग, रीढ़ की हड्डी और ब्रेन ट्यूमर के बाद रोगियों के उपचार और पुनर्वास में काफी मदद मिलेगी।
इसकी मदद से रोगियों को विभिन्न खेलों की परिस्थितियां प्रदान कर उनके हाथों और पैरों की गति को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। विभागाध्यक्ष डॉ. जयदीप नंदी ने बताया कि इससे रोगियों के बारे में जो फीडबैक मिलेगा उससे उनकी न्यूरोप्लास्टिसिटी को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
दूसरी सुविधा बैलेंस ट्रेनिंग और टेस्टिंग इक्यूपमेंट की है। इससे रोगियों के स्थायित्व और बैलेंस को बनाए रखने में मदद मिलेगी। तीसरी सुविधा प्रेशर प्लेटफार्म एनालिसिस (पी-वॉक) की है। इसमें 9216 प्रेशर सेंसर और चार प्रेशर प्लेट्स की मदद से पैरों पर पड़ने वाले दबाव को समझा जा सकता है। इससे चलने में चुनौतियों का सामना करने वाले रोगियों के जूतों में परिवर्तन करने में मदद मिल सकेगी। चतुर्थ सुविधा गाइट एनालिसिस (जी-वॉक) की है। इसमें कमर में बेल्ट में एक विशेष उपकरण की मदद से गाइट परीक्षण किया जा सकता है। यह खिलाड़ियों की ट्रेनिंग और उनको चोटों से उबारने में काफी मददगार साबित होगी।
पांचवी सुविधा बीटीएस गाइट की है। इसमें 12 इंफ्रारेड कैमरे, आठ फोर्स प्लेटफार्म, चार वीडियो कैमरा और 18 बॉडी सरफेस इंफ्रारेड मार्कर्स हैं। इससे पीएमआर के रोगियों का डेटा एकत्रित करने में काफी मदद मिल सकेगी। उद्घाटन समारोह में उप-निदेशक (प्रशासन) कर्नल अजित कुमार, अधिष्ठाता (शैक्षणिक) प्रो. आलोक चंद्र अग्रवाल और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. मनीषा रुइकर सहित कई वरिष्ठ चिकित्सक और कर्मचारी उपस्थित थे।