खुद को मृत घोषित कर 75 लाख रुपये की बीमा राशि पाने रची साजिश
जगदलपुर, बस्तर के कांकेर जिले के पखांजूर पीव्ही 42 निवासी समीरन सिकदार ने कर्ज से परेशान होकर बीमा की राशि पाने खुद की कार जलाकर अपने परिवार सहित लापता हो गया था। समीरन व्यापार में नुकसान होने व कर्ज से परेशान होकर खुद को मृत शाबित करने चारामा थाना अंतर्गत ग्राम चावड़ी में पेट्रोल डाल कार जलाकर अपने परिवार के साथ एक मार्च की रात से लापता हो गया था।
कार जलाकर धमतरी से अपने परिवार के साथ बस से ईलाहाबाद पहुंचा और ट्रेन से बिहार पहुंच अपने मोबाईल खरीद कर कांकेर की खबरों से पुलिस की कार्रवाई पर नजर रख रहा था। पुलिस लगातार कार सवार परिवार की तलाश कर रही थी। पुलिस की कार्रवाई से डर ओड़िसा के रास्ते घर पहुंच कर परिवार से संपर्क किया। समीरन सिकदार 25 लाख रूपयें के कर्ज के कारण अपने व परिवार के सदस्यों की बीमा राशि पाने साजिश रची थी।
गौरतलब हो कि एक मार्च को चारामा थाना अंतर्गत कोरर मार्ग पर ग्राम चावड़ी में जलती हुई कार मिली थी। कार जलने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस के पहुंचने तक कार पूरी तरह जलकर खाक हो चुकी थी। कार की फारेंसिक जांच की गई कार में मानव अवशेष नही मिले थे। कार के अंदर दो मोबाईल के अवशेष मिले थे। रात होने के कारण दो मार्च की सुबह कार दोबारा रायपुर की फारेंसिक टीम द्वारा कार की जांच की गई। ग्राम चावड़ी में मिली जलीकार पखांजूर पीव्ही 42 निवासी बिपूल सिकदार की थी।
कार में सवार बिपूल सिकदार के पुत्र समीरन सिकदार व उसका परिवार एक मार्च की सुबह आठ बजे कांकेर से ईलाज के लिए रायपुर गए थे। कार में मानव अवशेष नही मिला था। जिसके बाद से कार सवार परिवार की तलाश की जा रही थी। कांकेर पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा लापता परिवार की गुत्थी का खुलाशा करते हुए बताया कि एक मार्च की रात चारामा के ग्राम चावड़ी में कार जलती हुई मिली थी।
कार की फारेंसिक जांच में मानव अवशेष नही मिला था। वही कार में सवार समीरन सिकदार व उसका परिवार एक मार्च की रात से लापता था। लापता परिवार की तलाश करने कांकेर पुलिस की पांच टीमें तलाश में जुटी थी। परिवार की तलाश करने पखांजूर से रायपुर तक जांच के लिए गठित टीम द्वारा तलाश की गई। धमतरी तथा रायपुर के लाज, होटल तथा सीसीटीवी की जांच की जा रही थी।