धमतरी विधानसभा सीट पर वर्तमान विधायकों में से सिर्फ होरा-जयाबेन ही जीते; कांग्रेस ने पांच बार भरोसा जताया
रायपुर, चावल उत्पादन के लिए प्रसिद्ध धमतरी विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान विधायकों को टिकट देने में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां परहेज करती रही हैं। धमतरी विधानसभा क्षेत्र से छह बार वर्तमान विधायकों को टिकट दी गई, जिनमें से केवल दो ही विधायक चुनाव जीतने में सफल हो पाए। कांग्रेस ने सर्वाधिक पांच बार और जनसंघ ने एक बार वर्तमान विधायकों को मैदान में उतारा है।कांग्रेस के दो उम्मीदवार गुरुमुख सिंह होरा एवं जयाबेन लगातार चुनाव जीते। भाजपा ने धमतरी विधानसभा से किसी वर्तमान विधायक को अवसर नहीं दिया। ऐसे में मात्र 464 मतों से पिछला चुनाव हारने वाले पूर्व विधायक गुरुमुख सिंंह होरा को कांग्रेस चुनावी मैदान में उतार सकती है।
धमतरी विधानसभा क्षेत्र से प्रथम बार वर्ष 1962 में कांग्रेस ने वर्तमान विधायक पुरुषोत्तम दास पटेल को टिकट दिया। जनसंघ ने 1957 के अपने पराजित प्रत्याशी पंढरी राव कृदत्त को मैदान में उतारा। इस चुनाव में कृदत्त 15,724 मतों से विजय हुए। वर्ष 1967 के चुनाव में कांग्रेस ने धमतरी से पहली बार भोपाल राव पवार को चुनाव में उतारा। इससे पूर्व वे कुरुद से चुनाव लड़ते थे।
भाजपा ने पंढरी राव कृदत्त को टिकट देकर भाग्य जमाने का निर्णय लिया। इस चुनाव में भोपाल राव पवार ने 3,366 वोट से जीत प्राप्त की। 1972 में कांग्रेस से चुनाव जीतने वाले केसरीमल लुंकड़ को कांग्रेस ने वर्ष 1977 के चुनाव में दोबारा टिकट दिया। इस चुनाव में जनता पार्टी के पंढरी राव पवार ने उन्हें 5,719 मतों से पराजित किया। वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने वर्तमान विधायक गुरुमुख सिंह होरा को चुनाव मैदान में उतारा। उन्हें भाजपा की रंजना डीपेंद्र साहू ने 464 मतों के अंतर से पराजित किया।
कांग्रेस के गुरुमुख सिंह होरा एवं जयाबेन लगातार चुनाव जीते
वर्ष 1985 में कांग्रेस ने वर्तमान विधायक जयाबेन को धमतरी विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया। भाजपा ने कृपाराम साहू को टिकट दिया। इस चुनाव में लगातार दूसरी बार जयाबेन 6,910 मतों के अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहीं। वर्ष 2013 के चुनाव में कांग्रेस ने गुरुमुख सिंह होरा को वर्तमान विधायक रहते हुए प्रत्याशी बनाया। भाजपा ने इंदर चोपड़ा को मैदान में उतारा। गुरुमुख सिंह होरा 10,500 मतों से चुनाव जीतने में सफल रहे। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने गुरुमुख सिंह होरा को वर्ष 2003 वर्ष 2008 में भी टिकट दिया था। वर्ष 2003 के चुनाव में होरा को भाजपा के इंदर चोपड़ा ने 13,580 मतों के अंतर से पराजित किया था।