नाराज अनियमित कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन;विधान सभा सत्र के दौरान भी होगा विरोध प्रदर्शन
रायपुर, छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी महासंघ के आवाहन पर 12 मार्च को रायपुर राजधानी के नवा रायपुर तूता धरना स्थल पर अनियमित कर्मचारी मुख्यमंत्री द्वारा बजट सत्र में साडे 4 साल में जानकारी ना आने अनियमित कर्मचारियों के भर्ती की प्रक्रिया की जानकारी लेने व आरक्षण व्यवस्था की जानकारी लेने की घोषणा के बाद नाराज अनियमित कर्मचारियों ने अपनी जायज मांगों के लिए विरोध प्रदर्शन किया।
अनियमित कर्मचारी महासंघ के संरक्षक गोपाल प्रसाद साहू तथा कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने बताया है कि 10 दिन में नियमितीकरण का वादा कर अनियमित कर्मचारियों के मतदान से बनी सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा अपने बजट भाषण में अनियमित कर्मचारियों के संबंध में कोई घोषणा न कर उनके साथ छलावा किया गया। मुख्यमंत्री का सदन में यह कहना कि 24 विभागों की जानकारी आई है, 38 विभाग की जानकारी नहीं आई है। यह लाखों अनियमित कर्मचारियों के साथ वादा खिलाफी है। स्कूल सफाई कर्मचारी, रसोईया मध्यान भोजन कर्मचारी, मितानिन जिन्हें बेरोजगारी भत्ता 2500 से कम मानदेय मिल रहा है, अब नौकरी छोड़कर बेरोजगारी भत्ता देने की मांग कर रहे हैं।
तूता धरना स्थल पर आंदोलनकारियों की सभा को लोक निर्माण विभाग दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा, मध्यान भोजन रसोईया कर्मचारी संघ प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती नीलू ओंगरे, मितानिन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष एनआर कुर्रे, अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष लव कुमार साहू आदि ने संबोधित करते हुए राज्य सरकार द्वारा स्कूल सफाई कर्मचारियों को मात्र ₹245, रसोईया मध्यान भोजन कर्मचारियों को मात्र ₹300, और विगत 7 वर्षों से नगर सैनिकों के वेतनमान में कोई वृद्धि नहीं की गई थी अब मात्र ₹200 वृद्धि कर अनियमित कर्मचारियों के संबंध में जानकारी प्राप्त न होने के आधार पर कोई घोषणा नहीं किए जाने से सरकार के प्रति भयंकर आक्रोश व्याप्त है। आज के आंदोलन में ग्राम पंचायत संघ के भृत्य तथा अग्निशमन कर्मचारी संघ के कर्मचारी भी शामिल हुए।अनियमित कर्मचारियों के भर्ती प्रक्रिया, आरक्षण व्यवस्था, आदि के संबंध में मुख्यमंत्री का कहना अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण में वादा है। कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री के वक्तव्य को *ना नौ मन तेल होगी, ना राधा नाचेगी* की संज्ञा दी है। कर्मचारी नेताओं ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि अभी भी समय है अनुपूरक बजट में नियमितीकरण का निर्णय लिया जाना चाहिए।