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नुआपाड़ा में बाघ के आतंक से सहमे लोग , वन विभाग ने ग्रामीणों को किया अलर्ट

पदमपुर,पश्चिम ओडीसा के नुआपाड़ा इलाके में बाघ के हमले से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। गांव में बाघ के पैर के निशान मिले हैं। जिसके बाद, वन विभाग ने शनिवार को माइक से स्थानीय लोगों को सतर्क रहने को कहा है।

वन विभाग ने गांव पहुंचकर बाघ के पैरों के निशान रिकॉर्ड किए हैं। विभाग ने इलाके में आगाह करते हुए बताया है कि इलाके में दो बाघ हैं। इसलिए ग्रामीण सतर्क रहें। ग्रामीणों का कहना है कि मोहरडीही गांव में एक बाघ ने बछड़े को मारकर खा लिया। ग्रामीणों की शिकायत है कि बाघ इलाके की गायों को मारकर खा रहा है। वन क्षेत्र में मवेशियों के शवों के अवशेष पड़े हैं। दोनों बाघ सुनाबेड़ा अभयारण्य से सटे संरक्षित जंगल में डेरा डाले हुए हैं।

वहीं, नुआपाड़ा जिले में 20 मार्च यानी रविवार की शाम को बाघ ने एक वृद्ध महिला पर हमला कर दिया था। बाघ महिला को खींच कर जंगल ले भागा और महिला के आधे शरीर को खा गया। घटना नुआपाड़ा जिले के सुनाबेड़ा अभ्यारण्य के कोमना थाना क्षेत्र के जालमदेई गांव में हुई थी। 65 वर्षीय महिला की पहचान सन्मति बारिक के रूप में हुई है।

घटना की जानकारी मिलने पर वन-विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पंजे के निशान और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की जांच के बाद बाघ के हमले से मौत की पुष्टि की थी।सुनाबेड़ा वन विभाग के रेंजर शिव प्रसाद खमारी ने बताया कि यह किसी बड़े बाघ का काम हो सकता है। हालांकि, वन विभाग के अधिकारी अपने टीम के साथ इलाके में चौबीसों घंटे गश्त कर रहे हैं। इसके साथ ही स्थानीय लोगों को बाघों से सतर्क रहने को कहा गया है।

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