मितानिनों को हर महीने मिलेंगे 2200 रूपए मानदेय; अस्पतालों में 1 जून से कैशलेस व्यवस्था-सिंहदेव
रायपुर, छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, वाणिज्यिक कर और बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव के विभागों के लिए कुल 5122 करोड़ आठ लाख 71 हजार रुपए की अनुदान मांगे सर्वसम्मति से पारित की गईं। इनमें लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लिए 3207 करोड़ 70 लाख 90 हजार रुपए, चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित व्यय के लिए 1574 करोड़ 48 लाख तीन हजार रुपए, वाणिज्यिक कर विभाग से संबंधित व्यय के लिए 335 करोड़ 76 लाख 63 हजार रुपए तथा बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग से संबंधित व्यय के लिए चार करोड़ 13 लाख 15 हजार रुपए शामिल हैं।
एक जून से कैशलेस व्यवस्था
स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए सदन को बताया कि प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों में आगामी एक जून से कैशलेस व्यवस्था चालू हो जाएगी। मरीजों को इलाज, जांच एवं दवाओं के लिए एक रूपया भी नहीं देना होगा। ओपीडी, आईपीडी, दवा एवं सभी तरह की डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदेशवासियों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस पर अपनी स्वीकृति दी है। उन्होंने कहा कि कैशलेस व्यवस्था से यूनिवर्सल हेल्थ केयर की परिकल्पना के अनुरूप स्वास्थ्य को एक अधिकार का रूप देने के लक्ष्य को हासिल करने के साथ ही प्रदेश की न्याय योजनाओं में एक और आयाम जुड़ेगा। इससे कैशलेस शासकीय अस्पताल की परिकल्पना पूर्ण होगी।
किडनी के मरीजों के 42 हजार डायलिसिस किए गए
सिंहदेव ने कहा कि यूनिवर्सल हेल्थ केयर की अवधारणा को साकार करने में मानव संसाधन की अहम भूमिका है। प्रदेश में वर्ष 2017-18 में विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या 179 थी जो पिछले 4 वर्षों में बढ़कर 534 हो गई है। विगत 4 वर्षों में ही इसमें तीन गुना वृद्धि हुई है। बीते 4 वर्षों में चिकित्सा अधिकारियों की संख्या 1302 से बढ़कर 2413 एवं दंत चिकित्सकों की संख्या 67 से बढ़कर 222 हो गई है। उन्होंने कहा कि 2017-18 में प्रदेश में डायलिसिस की सुविधा केवल तीन स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध थी, जो आज बढ़कर 29 स्वास्थ्य केन्द्रों तक पहुंच चुकी है। इन केन्द्रों में इस साल किडनी के मरीजों के 42 हजार डायलिसिस किए गए हैं।