विश्वकप; 1975 से 2019 तक के विजेताओं की यात्रा
1975 इंग्लैंड
इंग्लैंड की बीमा कंपनी प्रूडेंशियल ने वनडे मैच की एक अंतराष्ट्रीय स्पर्धा के आयोजन का जिम्मा लिया 1900 के ओलंपिक के बाद क्रिकेट खेलने वाले देशों के लिए ये अनोखा आयोजन था। टेस्ट खेलने वाले देशों के अलावा को भी आमंत्रित किया गया। कोई भी देश फटाफट क्रिकेट से अभ्यस्त नहीं था सो इस आयोजन में फिल्डिंग भी टेस्ट के समान ही लगी। वेस्ट इंडीज और ऑस्ट्रेलिया फाइनल में पहुंचे। वेस्ट इंडीज की टीम ने कप्तान क्लाइव लॉयड के 102 रन के सहयोग से 291/8का स्कोर खड़ा किया। ऑस्ट्रेलिया के बॉलर गैरी गिल्मर ने 5 विकेट लिए। ऑस्ट्रेलिया टीम की तरफ से इयान चैपल 62 रन का योगदान दिया लेकिन 5 खिलाड़ी रन आउट हो गए। जिसके कारण ऑस्ट्रेलिया 274 पर सिमट गई। पहला प्रूडेंशियल कप वेस्ट इंडीज के कप्तान ने 16 रन से जीत के साथ उठा लिया। मैन ऑफ द मैच -क्लाइव लॉयड (वेस्ट इंडीज)।
1979 इंग्लैंड
दूसरे विश्व कप आयोजन के फाइनल में वेस्ट इंडीज के सामने इंग्लैंड की टीम थी। इस बार विवियन रिचर्ड्स ने मोर्चा सम्हाला और 138 रन की शानदार पारी खेली। रिचर्ड्स के साथ कोलिस किंग ने भी 88 रन बनाकर 286/6 रन का लक्ष्य इंग्लैंड को दिया। वेस्ट इंडीज के जोएल गार्नर ने 35 रन देकर 5 बल्लेबाजों को आउट कर इंग्लैंड को 194 रन पर आउट कर दिया ।वेस्ट इंडीज 92 रन से लगातार दूसरी बार विजेता बना। मैन आफ द मैच -विवियन रिचर्ड्स (वेस्ट इंडीज)।
1983 इंग्लैंड
ऐसा माना जा रहा था कि वेस्ट इंडीज की टीम जीत का हैट्रिक लगाएगी और इसी के चलते फाइनल में पहुंची थी। क्रिकेट खेलने वाले देशों में भारत को तीसरे विश्व कप में दावेदार नहीं माना गया था। भारत की पारी 183 रन पर खत्म हुई तो विश्वास भी हो चला था लेकिन कपिल देव के जाबांज साथियों ने ऐसा प्रदर्शन किया कि क्रिकेट के पंडितो का अनुमान गलत हो गया। श्रीकांत 38 रन बनाकर सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। वेस्ट इंडीज को भारत ने 140 रन पर पैवेलियन भेज कर 43 रन से जीत गया। विजेता के रूप में भारत की पहली ताजपोशी थी। मैन ऑफ द मैच -मोहिंदर अमरनाथ (भारत)।
1987 भारत+पाकिस्तान
प्रूडेंशियल कंपनी ने आयोजन से वापस नाम लिया तो भारत के रिलायंस कंपनी ने इस वनडे विश्वकप को आगे बढ़ाने का जिम्मा ले लिया। इस बार ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की टीम फाइनल में आमने सामने थी। ऑस्ट्रेलिया ने डेविड बून 75 और वेलेटी के 45 रन की मदद से 253/5 रन बनाए। इंग्लैंड की टीम ऑस्ट्रेलियन बॉलर्स के सामने जीत के लक्ष्य से 7 रन दूर रहते हुए 246रन पर सिमट गये। मैन ऑफ द मैच-डेविड बून (ऑस्ट्रेलिया)।
1992 ऑस्ट्रेलिया+न्यूजीलैंड
इमरान खान का ये उत्तरार्ध का अंतिम आयोजन था और शानदार 72 रन की पारी खेल कर पाकिस्तान को 249/6 के स्कोर तक ले गए। मियादाद ने भी 58 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली। इंग्लैंड की टीम की कमर वसीम अकरम और मुश्ताक अहमद ने तोड़ दी। केवल नील फेयरब्रदर्स 62 रन प्रतिरोध कर पाए और पाकिस्तान 22 रन से विश्वकप जीत कर चौथा विजेता देश बना। मैन ऑफ द मैच -वसीम अकरम पाकिस्तान।
1995 भारत+ पाक +श्रीलंका
इस साल के आयोजन के फाइनल में ताबड़तोड़ बैटिंग करने वाली श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया फाइनल में आमने सामने थे। मार्क टेलर 75 और पोंटिंग 45 की मदद से ऑस्ट्रेलिया 241/7 का स्कोर खड़ा कर सकी। श्रीलंका के लिए ये लक्ष्य कमजोर साबित हुआ। अरविंद डिसिल्वा 107, असंका गुरुसिंघे 65 और अर्जुन राणातुंगा 47 रन की मदद से सिर्फ 3 विकेट के नुकसान में जीत हासिल कर लिया। ये पहला अवसर था जब दूसरी पारी खेलने वाली टीम विजेता बनी थी। मैन ऑफ द मैच -अरविंद डिसिल्वा।
1999 इंग्लैंड+स्कॉटलैंड+आयरलैंड, वेल्स +नीदरलैंड
पाकिस्तान की टीम एक बार फिर फाइनल में पहुंची तो इस बार ऑस्ट्रेलिया की टीम सामने थी। शेन वार्न की घातक गेंदबाजी के चलते पाकिस्तान की टीम एक्स्ट्रा रन25 और इजाज अहमद 22की मदद से केवल 132रन बना सकी। ऑस्ट्रेलिया के एडम गिलक्रिस्ट 54और मार्क वॉग37 के सहयोग से ऑस्ट्रेलिया दूसरी बार विजेता बन गया। मैन आफ द मैच – शेन वार्न (ऑस्ट्रेलिया)।
2003 दक्षिण अफ्रीका + जिम्बाब्वे +केन्या
सौरव गांगुली की धमाकेदार कप्तानी में भारत 1983के बाद फाइनल में पहुंचा सामने ऑस्ट्रेलिया थी।रिकी पोंटिंग 140नाबाद और डेमियन मार्टिन 88नाबाद ने 359/2का बड़ा लक्ष्य खड़ा कर दिया। भारत की तरफ से केवल वीरेंद्र सहवाग (82रन) प्रतिरोध कर सके पूरी टीम 234 रन पर पैवेलियन लौट गई। आस्ट्रेलिया ने 125 रन से मैच जीत कर सबसे अधिक तीन बार चैंपियन बनने वाली पहली टीम हो गई। मैन आफ द मैच
2007 वेस्ट इंडीज
श्रीलंका ने इस बार के आयोजन में बढ़िया खेल दिखाते हुए फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के सामने खड़े हो गई। वर्षा से प्रभावित फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया ने एडम गिलक्रिस्ट के 149रन की बदौलत281/4 बना कर इरादे जाहिर कर दिया। जयसूर्या (63)और संगकारा(46)ने कोशिश किया लेकिन 215/8पर श्रीलंका का खेल खत्म हो गया और ऑस्ट्रेलिया वेस्ट इंडीज के समान लगातार दो बार विजेता बनने वाली टीम बन गई। मैन ऑफ द मैच-एडम गिलक्रिस्ट(ऑस्ट्रेलिया)
2011 भारत+श्रीलंका +बांग्ला देश
भारत में हुए आयोजन में भारत की टीम श्रीलंका के सामने थी। महिला जयवर्धने(103नाबाद) और कुमार संगकारा(46)के मदद से274/6का स्कोर बनाया।भारतीय टीम की तरफ से गौतम गंभीर (97)और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (91नाबाद)की पारी ने भारत को दूसरी बार चैंपियन बना दिया।जीत के लिए धोनी के द्वारा मारा गया छक्का आज भी जेहन में सुरक्षित है। मैन आफ द मैच -एम एस धोनी (भारत)।
2015 ऑस्ट्रेलिया+न्यूजीलैंड
न्यूजीलैंड ने पहली बार धमाके के साथ फाइनल में प्रवेश किया था।उम्मीद की जा रही थी कि न्यूजीलैंड चैंपियन बनेगा लेकिन आड़े ऑस्ट्रेलिया आ गया। जॉनसन ने न्यूजीलैंड के तीन विकेट लेकर खेल ही पलट दिया।न्यूजीलैंड के ग्रांट इलियट के 83रन की मदद से न्यूजीलैंड 183रन ही बना सकी।इसके जवाब में मिशेल क्लार्क ने 74रन की पारी खेल कर ऑस्ट्रेलिया को सात विकेट से जीत दिला दी। ऑस्ट्रेलिया पांचवी बार चैंपियन बन गया। मैन आफ द मैच -जेम्स फॉल्कनर(ऑस्ट्रेलिया)।
2019 इंग्लैंड+वेल्स इंग्लैंड/न्यूजीलैंड
ज्यादा चौका लगाने की वजह से इंग्लैंड बना विश्व विजेता
1975 से लेकर 2019 तक के वनडे विश्वकप के बारह आयोजन में सबसे रोमांचक फाइनल 2019 का था। सांस रोक देने और दिल की धड़कनों को रफ्तार देने वाले इस फाइनल में एक एक बॉल पर मैच कभी न्यूजीलैंड की तरफ होता तो कभी इंग्लैंड की तरफ। दोनो देश निर्धारित ओवर में 241-241 पर अटक गए थे। मामला सुपर ओवर में पहुंचा तो दोनो टीम ने 15- 15रन बनाए। दो बार टाई की स्थिति में जिस टीम ने अपनी पारी में ज्यादा चौके लगाए थे ।इस आधार पर फैसला हुआ। इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड के तुलना में 22/17 ज्यादा चौके लगाए थे इस आधार पर विजेता बना। इंग्लैंड सामर्थ्य से नहीं बल्कि भाग्य से विजेता बना माना गया। मैन आफ द मैच -बेन स्टोक्स (इंग्लैंड)।
अब तक के 12आयोजन में 8अवसरोंं (1975से1992और 2003,2007,2019) पर पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम विश्व विजेता बनी है। 4बार लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम चैंपियन बने है। भारत 1983 में पहले लक्ष्य देकर और 2011 में दूसरी पारी में भी लक्ष्य लेकर जीत चुका है ।ऑस्ट्रेलिया भी ये काम कर चुका है। इस कारण अहमदाबाद में मैच खुला है।
स्तंभकार- संजय दुबे
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