वादा खिलाफी से नाराज कोटवारों ने राजधानी में किया धरना प्रदर्शन; सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन
रायपुर, कोटवार एसोसिएशन आफ छत्तीसगढ़ के बैनर तले प्रमुख सलाहकार अनिल श्रीवास्तव, प्रदेश अध्यक्ष प्रेमकिशोर बाघ, गिरवर मानिकपुरी, त्रिलोकी मानिकपुरी के नेतृत्व में अपनी 15 वर्ष पूर्व लंबित दो सूत्रीय मांगों के लिए कोटवार आज 19 अप्रैल को नवा रायपुर धरना स्थल तूता में हजारों की संख्या में धरना प्रदर्शन किये। इसके बाद शाम चार बजे मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया। इधर आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने आंदोलन का समर्थन किया है।
प्रमुख सलाहकार अनिल श्रीवास्तव, प्रदेश अध्यक्ष प्रेमकिशोर बाघ ने धरना स्थल पर कोटवारों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा दो सुत्रीय मांगों के संबंध में 23 फरवरी 2019 को पाटन में कोटवारों के सम्मेलन में घोषणा की गई थी। कोटवारों को सरकारी कर्मचारी पुलिस अथवा राजस्व विभाग का बनाया जाएगा। नियमित करते हुए और न्यूनतम मजदूरी राज्य शासन द्वारा निर्धारित दर पर दी जाएगी। साथ ही दान में मिली हुई मालगुजारी जमीन जो छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद कांग्रेस सरकार ने दी थी उसे तत्कालीन बीजेपी सरकार द्वारा छीन ली गई। उसके संबंध में घोषणा की गई थी कि उक्त जमीन का मालिकाना हक कोटवारों को दिया जाएगा। अन्य मांग के संबंध में समिति बनाए जाएगी ,परंतु 4 साल बाद भी मांग पूरी नहीं हुई है । मुख्यमंत्री की घोषणा पूरी नहीं हुई है जिसके चलते आज प्रदेश के 16000 कोटवार मुख्यमंत्री वादा निभाओ मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर अमल हो के नारों के साथ राजधानी में एकत्र होकर प्रांत व्यापी धरना दे रहे हैं।
आप पार्टी ने समर्थन जताया
कर्मचारी नेता एवं आम आदमी पार्टी रायपुर के जिला सचिव विजय कुमार झा ने बताया है कि कोटवारों के द्वारा विगत 15 वर्षों से मालगुजारी भूमि पर मालिकाना हक प्रदान करने, कलेक्टर दर पर वेतनमान दिए जाने व शासकीय कर्मचारी घोषित किए जाने, मृत कोटवार के परिजनों को ही कोटवार के पद पर नियुक्ति देने, की मांग लगातार की जा रही है। अनेक कोटवारों से मालगुजारी भूमि को वापस लेने राजस्व अधिकारियों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। कुछ कोटवारों से शासन ने भूमि वापस लें ली है, उसे पुनः कोटवार को वापस दिलाने जाने की मांग की जा रही है। बार-बार धरना प्रदर्शन के बाद भी 15-20 वर्षों से लंबित मांग पर पूर्ववर्ती सरकार एवं वर्तमान सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। केवल दो-चार सौ रू मानदेय बढ़ाकर संतुष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में कोटवारों को कोटवारी ड्रेस, जूता, छत्ता, टॉर्च भी वितरित नहीं किया जा रहा है।
कोटवारों को दी गई मालगुजारी जमीन अंग्रेज शासन काल से कोटवारों के परिजनों की भूमि रही है, मृतक कोटवारों के परिजनों को उसके स्थान पर नियुक्ति भी नहीं दी जा रही है। छै महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। कोटवार प्रत्येक गांव में ग्राम प्रमुख की भूमिका निभाते हैं तथा सरकार बनाने और हटाने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रदेश के सभी कोटवार अपने अपने गांव में पुलिस का कर्तव्य निर्वहन कर निर्वाचन कार्य को शांतिपूर्ण संपन्न कराते हैं। ऐसी स्थिति में कोटवारों की जायज मांगों को पूरा करने की मांग प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडीं, जिला अध्यक्ष नंदन कुमार सिंह, जिला सचिव विजय कुमार झा, लोकसभा सचिव पीएस पन्नू, आदि ने समर्थन करते हुए कहा है कि, मुख्यमंत्री द्वारा जारी भेंट मुलाकात के कार्यक्रम को रायपुर शहर में करने की बजाय कोटवारों के मंच धरना स्थल तूता में किया जाकर, ग्रामीण अंचल के निचले स्तर के अल्प वेतनभोगी कर्मचारियों की मांगों को पूरा करना चाहिए।