बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने स्टेट बार कौंसिल के चुनाव पर लगाई रोक

बिलासपुर, प्रदेश में 30 हजार से अधिक वकीलों का पंजीयन स्टेट बार कौंसिल में है, लेकिन बार कौंसिल सदस्यों के 25 पदों के लिए वेरीफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करने वाले सिर्फ 4300 वकीलों से चुनाव कराने की तैयारी थी। स्टेट बार कौंसिल ने इस संबंध में बार कौंसिल ऑफ इंडिया को पत्र लिखा था। बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने सख्त टिप्पणी करते हुए स्टेट बार कौंसिल के चुनाव पर रोक लगा दी है।
साथ ही वेरीफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए पूर्व में बनाई गई तीन सदस्यीय कमेटी को भंग कर दिया है। साथ ही महाधिवक्ता की अध्यक्षता में नई कमेटी बनाई गई है। कमेटी में सीनियर एडवोकेट प्रफुल्ल भारत और एडिशनल एडवोकेट जनरल ओटवानी सदस्य होंगे। पिछले कुछ सालों से स्टेट बार कौंसिल विवादों से घिरा रहा है। कौंसिल के पिछले चुनाव में मतपत्रों से छेड़छाड़ का आरोप लगा था। यह मामला पुलिस से लेकर हाईकोर्ट तक पहुंचा। कौंसिल ने विवादों के बीच ही 21 फरवरी 2021 को कार्यकाल पूरा कर लिया था, इसके बाद बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने 6 माह तक कौंसिल के संचालन के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी। महाधिवक्ता की अध्यक्षता में बनी कमेटी में एडवोकेट आशीष श्रीवास्तव और प्रतीक शर्मा को शामिल किया गया था। इसके बाद 21 अगस्त 2021 को कमेटी का कार्यकाल 6 माह के लिए बढ़ाया गया था, इस अवधि में कमेटी पर वकीलों के वेरीफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करने की जिम्मेदारी थी।
जुलाई 2021 तक पूरी होनी थी वेरीफिकेशन की प्रक्रिया
एक ट्रांसफर पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई 2021 की तारीख से अगले तीन महीने के भीतर वेरीफिकेशन की प्रक्रिया पूरी कर कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने पाया कि इस आदेश का अब तक पालन नहीं हो सका है। बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि पूर्व में बनाई गई कमेटी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए समर्थ नहीं है, लिहाजा इसे भंग करना उचित होगा।