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शिवसेना मामले में सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणी, “बेखबर नहीं हो सकते राज्यपाल, सरकार गिराने के लिए नहीं करना चाहिए काम”

नई दिल्ली, एजेंसी, शिवसेना में बगावत और महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार के तख्तापलट पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तीखी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा, “राज्यपाल बेखबर नहीं हो सकते। राज्यपाल को अपनी शक्ति का इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए। उन्हें इस बात से अवगत होना चाहिए कि विश्वास मत के लिए बुलाने से सरकार गिर सकती है।”

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल उद्धव ठाकरे सरकार के गिरने में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका पर कड़ी टिप्पणी की। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने मामले की सुनवाई की। पीठ ने कहा, “राज्यपाल को सचेत रहना चाहिए कि विश्वास मत के लिए बुलाने से सरकार गिर सकती है।”

सरकार गिराने के लिए राज्यपाल को नहीं करना चाहिए काम
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “राज्यपाल को ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे सरकार गिर जाए। ऐसा हुआ तो लोग सत्तारूढ़ पार्टी को धोखा देना शुरू कर देंगे और राज्यपाल सत्ताधारी पार्टी को खत्म कर देंगे। यह लोकतंत्र के लिए गलत तमाशा होगा।”

बगावत के चलते गिर गई थी उद्धव ठाकरे की सरकार
गौरतलब है कि पिछले साल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के विधायकों ने बगावत कर दी थी। इसके चलते तीन साल से चल रही उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी। उद्धव ने विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी। शिवसेना में बगावत के बाद बीजेपी के समर्थन से शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने जून 2022 में सरकार बनाई थी। एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने थे।

इससे पहले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे को सदन में बहुमत साबित करने को कहा था। बहुमत साबित नहीं कर पाने पर उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया था। शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर विवाद चल रहा है। चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे के पक्ष में फैसला दिया है। इसे उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

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