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सीबीएसई का नया पैटर्न;10वीं में 7 में से 6 और 12वीं में गणित और बायो के साथ 6 में से 5 विषयों में पास होना जरूरी

रायपुर, सीबीएसई बोर्ड के तहत शिक्षा सत्र 2022-23 के दौरान 10 वीं और 12वीं में मुख्य विषय के साथ व्यावसायिक या ऑप्शनल कोर्स लेकर पढ़ रहे छात्रों को सुविधा दी गई है। 10वीं के छात्र यदि अपने 6 मुख्य विषयों में किसी एक में, 12वीं वाले अपने 5 मुख्य विषयों में से किसी एक में अनुत्तीर्ण हो जाते हैं और व्यावसायिक पाठ्यक्रम या ऑप्शनल सब्जेक्ट में पास हो जाते हैं तो वह उत्तीर्ण हो जाएंगे।

उन्हें 10वीं या 12वीं कक्षा उत्तीर्ण घोषित किया जाएगा, लेकिन यदि वह इंजीनियरिंग करना चाहते हैं तो उन्हें गणित में और मेडिकल में जाना चाहते हैं तो जीव-विज्ञान विषय में पास होना अनिवार्य होगा। इस तरह इंजीनियरिंग के लिए भौतिकी, रसायन व गणित तथा मेडिकल के लिए जीवविज्ञान, भौतिकी व रसायन विषय में पास होना अनिवार्य होगा। इसी तरह बीएससी गणित के लिए मैथ्स में पास होना होगा और बीएससी बायोलॉजी के लिए जीवविज्ञान में पास होना अनिवार्य होगा। गणित में अनुत्तीर्ण होने पर गणित विषय नहीं मिलेगा।

व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी होंगे विषय

सीबीएसई ने पहले व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को वैकल्पिक विषय के रूप में रखता था और इसमें पास होने की अनिवार्यता भी नहीं रखी थी। इस बार व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को मुख्य विषय में शामिल किया है। अंकसूची में इसका उल्लेख भी किया जाएगा। परिणाम में इसका असर भी स्पष्ट दिखेगा। साथ ही छात्रों को छूट भी दी गई है कि 10वीं के छात्र किसी भी 6 विषय में और 12वीं के छात्र किसी भी 5 विषय में पास होते हैं, तो उन्हें पास घोषित कर दिया जाएगा। इसके बाद वह अगली कक्ष में प्रवेश ले सकेंगे।

नहीं तो छात्रों को पूरक में बैठकर परीक्षा देनी होगी
यदि कोई छात्र गणित में फेल हो जाता है और आगे वह गणित लेकर पढ़ना चाहता है या इसी तरह कोई छात्र बायोलॉजी लेकर पढ़ना चाहता और विज्ञान में फेल हो जाता है तो ऐसे छात्रों को गणित या जीवविज्ञान विषय में पूरक परीक्षा देनी होगी। इसमें सफल होने पर आगे इन विषयों को लेकर पढ़ सकेंगे। हालांकि साइंस या मैथ्स के विद्यार्थी यदि आगे कॉमर्स या कला विषय लेकर पढ़ना चाहते हों तो उन्हें पूरक परीक्षा में नहीं बैठना पड़ेगा। वह आगे की कक्षा में प्रवेश लेकर अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सकेंगे।

सभी विषयों में दी जाएगी अलग-अलग ग्रेडिंग
10वीं-12वीं कक्षा में अभी तक पूरे विषयों के नतीजों के आधार पर छात्रों को ग्रेडिंग दी जाती रही है, लेकिन इस बार अंकसूची में हर विषय में मिले नंबरों पर ग्रेडिंग दी जाएगी। बोर्ड की इस योजना से छात्रों को अंकसूची में ही दिख जाएगा कि उन्हें किस विषय में कौन सा ग्रेड मिला है। इसकी जानकारी स्कूलों में भेजी जा रही है। ग्रेडिंग वाली अंकसूची मिलने से छात्रों को अगली कक्षा में प्रवेश लेने में भी मदद मिलेगी। साथ ही नामांकन को लेकर हमेशा होने वाली परेशानियां भी खत्म हो जाएंगी।

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