राज्यशासन

राज्य शासन के तीन आईएएस अफसर हाई कोर्ट तलब; जमानदार भी लाना होगा

बिलासपुर. न्यायालयीन आदेश की अवहेलना के आरोप में शुक्रवार को राज्य शासन के तीन आइएएस अफसर मनोज पिंगुजा,आर प्रसन्ना व राजेंद्र गौर को हाई कोर्ट के समक्ष उपस्थित होना है। कोर्ट ने तीनों अफसरों को व्यक्तिगत तलब किया है। साथ ही 25-25 हजार रुपये का जमानतदार के साथ कोर्ट में अपनी हाजिरी देनी होगी। हाई कोर्ट की इस सख्ती से आला अफसरों में हड़कंप मच गया है। कोर्ट के फैसले की ओर अफसरों की नजरें टिकी हुई है।

बिलाईगढ़, जिला- सारंगढ़ निवासी डा राकेश प्रेमी, जिला – बलौदाबाजार में ब्लाक मेडिकल अफसर के पद पर पदस्थ थे। 30 सितंबर 2022 को सचिव, स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक आदेश जारी कर डा राकेश प्रेमी का स्थानांतरण जिला चिकित्सालय कबीरधाम कर दिया गया। स्थानांतरण आदेश के विरुद्ध रिट याचिका दायर करने पर हाई कोर्ट ने स्थानांतरण समिति को तीन सप्ताह के भीतर अभ्यावेदन के निराकरण का निर्देश जारी किया था। निर्धारित समयावधी के भीतर आदेश का पालन न होने पर डा प्रेमी ने अधिवक्ता अभिषेक पांडेय व दुर्गा मेहर के जरिए न्यायालयीन आदेश की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए अवमानना याचिका दायर की थी। इसमें कहा था कि उनके पिता शुगर के मरीज हैं एवं माता आर्थराइटिस एवं हाइपोथोराइड बीमारी से ग्रस्त है। दोनों के स्वास्थ्य की देखभाल की जिम्मेदारी उनकी है। उनकी पत्नी आत्मानन्द विद्यालय बलौदाबाजार में व्याख्याता के पद पर पदस्थ हैं एवं उनके ऊपर 13 वर्षीय पुत्री एवं चार वर्षीय पुत्र की जवाबदारी है। मिड सेशन के दौरान स्थानांतरण किये जाने से बच्चों की पढाई प्रभावित होगी। इस बात की जानकारी देने के बाद भी आइएएस अफसर लगातार न्यायालयीन आदेश की अवहेलना कर रहे हैं।

अधिवक्ता पांडेय ने कहा-अफसर लगातार कर रहे अवहेलना

अवमानना याचिका पर पैरवी करते हुए अधिवक्ता अभिषेक पांडेय ने कोर्ट के समक्ष कहा कि अक्सर यह देखने में आ रहा है कि राज्य शासन के प्रमुख पदों पर काबिज आइएएस अफसर हाई कोर्ट के निर्देश का पालन करने में कोताही बरत रहे हैं। न्यायालयीन आदेश की अवहेलना की सबसे ज्यादा शिकायत आइएएस अफसरों की ओर से ही आ रहा है। इससे न्यायदान की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न् हो रही है। न्यायालय के उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है। कोर्ट का कीमती समय बर्बाद हो रहा है। इसके अलावा याचिकाकर्ताओं को तय समय पर न्याय नहीं मिल पा रहा है। अधिवक्ता पांडेय ने न्यायालयीन अवमानना अधिनियम 1971 की धारा 12 का हवाला देते हुए कहा कि इसमें जुर्माना एवं दंडादेश का प्रविधान किया गया है।

नों आइएएस अफसरों को कोर्ट ने किया है तलब

न्यायालयीन आदेश की अवहेलना से नाराज हाई कोर्ट ने तीन आइएएस अफसर मनोज पिंगुआ,आर प्रसन्ना व राजेंद्र गौर को नोटिस जारी कर 24 मार्च को जमानतदार के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने तीनों आइएएस अधिकारियों को 25-25 हजार रुपये का जमानतदार पेश करने का आदेश दिया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button