कानून व्यवस्था

अवैध निकासी धडल्ले से; रेत घाटों का टेंडर पूरा, लेकिन पर्यावरण क्लियरेंस नहीं

रायपुर, जिले की छह रेत घाटों कुरूद, कुम्हारी, लखना, पारागांव, कागदेही एवं हरदीडीह को अभी तक पर्यावरण का क्लियरेंस नहीं मिला है। इस वजह से नीलामी प्रक्रिया पूरी होने के करीब डेढ़ महीने बाद भी जिन लोगों को रेत घाट का टेंडर मिला है उन्हें घाटों को हैंडओवर नहीं किया जा सका है। अब इस पूरे मामले में बड़ा विवाद भी शुरू हो गया है।

रेत घाटों की नीलामी पूरी होने के बाद भी घाटों से अवैध खनन जारी है, क्योंकि जिन्हें ठेका मिला है वे वहां काम ही शुरू नहीं कर पा रहे हैं। इस वजह से अवैध खनन जोरों पर हो रहा है। जिस रेत सिंडीकेट का घाट पर कब्जा है वो वहां 3000 रुपए लोडिंग चार्ज लेकर लोकल सप्लायरों को रेत की सप्लाई कर रहे हैं। इससे रेत सप्लायरों का भी घाट पर रोज विवाद हो रहा है। इधर दूसरी ओर अवैध खनन रोकने के लिए आरंग, मंदिरहसौद, अभनपुर तहसील के अफसर सक्रिय हो गए हैं।

उन्होंने पिछले हफ्ते दो दर्जन से ज्यादा गाड़ियों पर कार्रवाई की। इस कार्रवाई के विरोध में रेत सप्लायर सड़क पर उतर गए। उनका आरोप था कि पिट पास और अंडरलोड होने के बावजूद गाड़ियां पकड़ी गई है। सप्लायरों ने नेशनल हाईवे पर चक्काजाम भी किया था। लेकिन बाद में पुलिस ने सख्ती कर उन्हें वहां से हटा गिया।

सप्लायर संघ ने कुछ अफसरों के खिलाफ कलेक्टर से शिकायत भी की है। उनका आरोप है कि अतिरिक्त रकम की मांग पूरी नहीं करने की वजह से उनकी गाड़ियां रोकी जा रही हैं। विभाग के उपसंचालक किशोर गोलघाटे ने बताया कि पर्यावरण क्लियरेंस की प्रक्रिया जारी है। सभी रेत घाटों को एनओसी मिल जाएगी। अवैध लोडिंग की शिकायत मिलने पर खनिज निरीक्षकों को भेजा जा रहा है।

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