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जर्जर भवनों में डाक्टर-इंजीनियर का सपना; छत्तीसगढ़ में 25 हजार जर्जर स्कूल-छात्रावास भवनों में पढाई कर रहे बच्चे

रायपुर, राज्य के लगभग 25 हजार स्कूल और छात्रावास भवन जर्जर हो चुके हैं, जिन्हें तत्काल मरम्मत करने की आवश्यकता है। ये जानकारी स्वयं जिला शिक्षा अधिकारियों ने स्कूल शिक्षा के संचालनालय को दी है। विभाग ने इन स्कूलों और छात्रावास भवनों का 15 जून से पहले मरम्मत करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टरों से कहा गया है कि वह प्रवेश उत्सव शुरू होने से पहले सभी निर्माण कार्य सुनिश्चित कराएं।

एक अप्रैल से सुधार का कार्य युद्धस्तर पर शुरू हो जाएगा। मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत इसके लिए 500 करोड़ रुपये का प्रविधान है। सबसे अधिक रायगढ़ में दो हजार स्कूल भवनों के मरम्मत का प्रस्ताव है। रायपुर में 750 स्कूल भवन शामिल हैं। नारायणपुर में सबसे कम 179 स्कूल व आश्रम भवन शामिल हैं।

प्रदेश में 247 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल और 32 स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूल संचालित है। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में हिंदी माध्यम से पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए भी व्यवस्था की है। जिला कलेक्टरों के सहयोग से प्रदेश में 398 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट स्कूलों को प्रारंभ किया जाएगा।  इसके लिए जिला खनिज राशि और कार्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) की राशि खर्च की जा सकती है।

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने अपने बजट में केवल 101 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की स्वीकृति दी है, बाकी स्कूल कलेक्टरों के सहयोग से विकसित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना की घोषणा स्कूलों, आश्रम स्कूलों, छात्रावासों के भवनों की मरम्मत और यहां नए अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए की है। यदि कोई भवन जर्जर हो गया है और उसका उपयोग करना खतरनाक हो गया है तो उन भवनों को प्राथमिकता दी जाएगी।

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