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कैंसर और ट्यूमर के उपचार में सहायक हो सकती है नैनोटेक्नोलॉजी

0 एम्स में नैनोटेक्नोलॉजी पर सीएमई, रेडियोडायग्नोसिस और इमेजिंग में उपयोगिता पर चर्चा

रायपुर, नैनोटेक्नोलॉजी के चिकित्सा क्षेत्र में बढ़ते अनुप्रयोगों पर चर्चा के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में एक दिवसीय सीएमई आयोजित की गई। इसमें कैंसर और ट्यूमर के उपचार में नई तकनीक और रेडियोडायग्नोसिस और इमेजिंग में इसकी बढ़ती उपयोगिता के बारे में प्रमुख चिकित्सकों ने जानकारी प्रदान की।

नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंजसेज, नई दिल्ली और इंडियन स्टेम सेल स्टडी ग्रुप एसोसिएशन के साथ संयुक्त रूप से एम्स के अस्थि रोग विभाग ने सीएमई आयोजित की। इसका उद्घाटन करते हुए निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने नैनोटेक्नोलॉजी पर और अधिक शोध एवं अनुसंधान पर बल दिया। उनका कहना था कि इससे न केवल उपचार संभव है बल्कि टारगेटेड ड्रग थैरेपी और एक्यूरेट ड्रग डिलीवरी के माध्यम से यह कैंसर और ट्यूमर के इलाज में अधिक प्रभावकारी तकनीक बन सकती है। नैनोटेक्नोलॉजी की मदद से रेडियोडायग्नोसिस और इमेजिंग के क्षेत्र में भी काफी परिवर्तन आ रहे हैं। नए चिकित्सकों को इस प्रकार की सीएमई की मदद से इन्हें जानने में मदद मिलेगी।

अधिष्ठाता (अकादमिक) प्रो. आलोक चंद्र अग्रवाल ने बताया कि चिकित्सकों और चिकित्सा छात्रों को चिकित्सा शिक्षा की नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस प्रकार की सीएमई आयोजित की जा रही हैं। अभी तक स्टेम सेल और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर दो सीएमई आयोजित की जा चुकी है। इसी कड़ी में नैनोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आ रहे परिवर्तनों की जानकारी देने के लिए देश के प्रमुख संस्थानों के चिकित्सकों को आमंत्रित किया गया।

एक दिवसीय सीएमई में प्रमुख रूप से आईआईटी, सीएसआईआर-आईएचबीटी, ट्रिपल आईटी और एकेडमी के वरिष्ठ चिकित्सकों और वैज्ञानिकों ने संबोधित किया। इसमें प्रमुख रूप से डॉ. एली मोहापात्रा, प्रो. एन.के. बोधे, प्रो. एन.के. अग्रवाल, प्रो. अमित चौहान, डॉ. हर्षल साकले, आईएमए के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता सहित वरिष्ठ चिकित्सकों ने भाग लिया।

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