राज्यशासन

मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल हेतु प्रदेश के कोटवार आर -पार की लड़ाई के मूड में; 18 अप्रैल के बाद राजधानी में जमावड़ा

रायपुर, छत्तीसगढ़ के 16 हजार कोटवार व्यथित एवं आक्रोशित है निरंकुश अफसरशाही के चलते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 23 फरवरी 2019 को पाटन में कोटवारों के प्रांतीय सम्मेलन में घोषणा की गई थी कि कोटवारों को राजस्व विभाग का सरकारी कर्मचारी घोषित करते हुए शासन द्वारा निर्धारित वेतन दिया जाएगा। दान में मिली मालगुजारी जमीन जो पूर्व भाजपा सरकार द्वारा छीन ली गई थी उसे पुनः कोटवारों को दिया जाएगा, परंतु 4 वर्ष बीतने के बाद भी और इंतजार करने के बाद भी मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल नहीं हुआ है जिससे 16000 कोटवार आंदोलन के मूड में है।

23 फरवरी 2023 को पूरे छत्तीसगढ़ में तहसील मुख्यालय पर सैकडों कोटवारों ने आंदोलन किया था। 16 मार्च को प्रदेश के कोटवारों ने संभाग मुख्यालय पर धरना दिया और मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा और मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल करने का अनुरोध किया परंतु इसके बाद भी निरंकुश अफसरशाही के चलते मुख्यमंत्री की घोषणाओं का जो कोटवारों को हितेश में की गई थी अमल नहीं हुआ।

प्रेम किशोर बाग प्रांत अध्यक्ष कोटवार एशोसिएशन ऑफ छत्तीसगढ़ एवं अखिल छत्तीसगढ़ राज्य कर्मचारी महासंघ के महामंत्री एवं कोटवार संघ के प्रमुख संरक्षक अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि इसके चलते प्रांतीय आंदोलन राजधानी में करने हेतु कमेटी बनाई गई थी कमेटी की बैठक आज हुई जिसकी अध्यक्षता प्रेम किशोर बाघ प्रांत अध्यक्ष द्वारा की गई। बैठक में समिति के सभी सदस्य उपस्थित थे । कमेटी ने अप्रैल माह में राजधानी रायपुर में कोटवारों का प्रांतीय आंदोलन धरना प्रदर्शन रैली करने हेतु सहमति जताई। कमेटी के निर्णय पर 11 अप्रैल को कोटवारों की प्रांतीय बैठक रायपुर में आयोजित है उसमें कमेटी के निर्णय का अनुमोदन करते हुए अप्रैल माह में तारीख तय की जाएगी कि प्रदेश के सभी 16000 कोटवार राजधानी में आकर धरना प्रदर्शन रैली में भाग ले। कमेटी अप्रैल माह के तीसरे सप्ताह में आंदोलन किए जाने पर सहमति जताई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button