राज्यशासन

मालगुजारी जमीन का हक देने के साथ नियमित करने की मांग पर राजधानी में नाराज कोटवारों का जमावडा 18 से

रायपुर, सीएम अभूपेश बघेल के आश्वासन के बाद भी उस पर अमल नहीं करने से नाराज कोटवार अपनी 2 सूत्रीय मांग को लेकर 18 अप्रैल से राजधानी में धरना -प्रदर्शन करेंगे। जो 20 अप्रैल तक चलेगा। राजधानी में आज हुई बैठक में कोटवारों ने आंदोलन की रणनीति पर विस्तृत चर्चा की ।

कोटवार संघ के प्रदेश अध्य्क्ष प्रेम किशोर बाघ ने बताया कि 23 फरवरी 2019 को पाटन में कोटवारों का प्रांतीय सम्मेलन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुख्य अतिथि में संपन्न हुआ था इसमें बडी संख्या में कोटवार उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि कोटवारों को राजस्व विभाग का सरकारी कर्मचारी नियमित घोषित किया जाएगा। कोटवारों की मालगुजारी जमीन जो पूर्व सरकार ने छीन ली उसे पुनः वापस दिया जाएगा। कोटवारों की न्यूनतम मजदूरी वेतन शासन द्वारा निर्धारित दर के समान भुगतान किया जाएगा ।सभी कोटवारों को 5 तारीख तक वेतन का भुगतान किया जाएगा, जैसा कि शासन का आदेश है और सभी कर्मचारियों को भुगतान किया जाता है। कोटवार के परिवार के सदस्य को भी कोटवार बनाया जाएगा ।

अध्य्क्ष प्रेम किशोर बाघ ने बताया कि मुख्यमंत्री की उक्त घोषणा पर अब तक अमल नहीं हुआ है जिससे कोटवार नाराज है। 4 साल से अधिक समय होने के बाद भी घोषणा पर अमल नहीं होने से 23 फरवरी 23 को कोटवारों ने पूरे प्रदेश में तहसील मुख्यालय में धरना देकर वादा याद दिलाया। 16 मार्च को संभाग मुख्यालय में प्रदेश के कोटवारों ने धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर अमल करने हेतु ज्ञापन सौंपा}। परंतु उसके बाद भी मंत्रालय के अधिकारियों की कुंभकरण की नींद नहीं टूटी है और कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की गई है ना प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर चचा की गई है जिसके कारण कोटवार व्यथित और आक्रोशित है ।

इस परिपेक्ष में आगामी हड़ताल के लिए तिथि तय करने एवं आंदोलन की रूपरेखा के लिए कोटवारों की प्रांतीय बैठक आज कर्मचारी भवन बुढ़ापारा सप्रे स्कूल प्रांगण में आयोजित की गई ।इसमेंं संघ के संरक्षक अनिल श्रीवास्तव, अध्यक्ष प्रेम किशोर बाघ समेत प्रदेश पदाधिकारी मौजूद थे। बैठक में आर-पार की लडाई पर जोर दिया गया।

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