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बालू से निकल समंदर की ओर बढ़ने लगे हैं शिशु ओलिव रिडले, अकेले गहिरमाथा में इस बार दिए गए पांच लाख से अधिक अंडे

भुबनेश्वर, ओलिव रिडले समुद्री कछुओं ने इस बार काफी बड़े पैमाने पर लगभग 5.12 लाख अंडे दिए। इसके लिए कछुओं ने गहिरमाथा के बाबूबली और नसी-2 क्षेत्रों में घोंसला बनाया था। इस बार इनके अंडे देने की प्रक्रिया में पिछले साल की तुलना में 11,000 की वृद्धि दर्ज की गई।

गहिरमाथा ओडिशा का एकमात्र समुद्री वन्यजीव अभयारण्य है। गहिरमाथा तट ओलिव रिडले समुद्री कछुओं के लिए सबसे सुरक्षित स्थान होने के कारण हर साल यहां इनकी संख्या बढ़ती रहती है, जो पशु प्रेमियों और पर्यावरणविदों के अनुसार पर्यावरण की दृष्टि से एक अच्छा संकेत है। इस वर्ष 5,12,000 ओलिव रिडले समुद्री कछुओं ने एक सप्ताह की अवधि में अंडे दिए। पिछले साल के आंकड़े की तुलना में इस साल ऐसे 11 हजार ज्यादा समुद्री मेहमानों ने अंडे दिए।

मादा कछुए देती हैं 100 से 150 अंडे

इस साल 23 फरवरी से 3 मार्च तक पोडमपेटा से बटेश्वर तक तीन किलोमीटर लंबे खंड में 6.37 लाख ओलिव रिडले समुद्री कछुओं ने अंडे दिए थे। बड़े पैमाने पर घोंसले में अंडे देने की अवधि के दौरान प्रत्येक मादा कछुआ द्वारा लगभग 100 से 150 अंडे दिए जाते हैं।

शाम होते ही दिखता है शिशु ओलिव रिडले का अद्भुत नजारा

राजनगर क्षेत्र के लिए यह अत्यंत हर्ष का विषय है। गहिरमाथा में ओलिव रिडले समुद्री कछुए अंडे देने आते हैं। यह उनके लिए स्वर्ग के समान है। यह बहुत संतोष की बात है कि इस साल रिकॉर्ड संख्या में कछुओं ने अंडे दिए हैं। दूसरी तरफ गंजाम जिले में रुशिकुल्या नदी के मुहाने से भी एक ऐसा ही शानदार दृश्य सामने आया है। शाम होते ही हजारों शिशु ओलिव रिडले समुद्री कछुए रेतीले गड्ढों से निकलकर समुद्र की ओर रेंगने लगते हैं।

ओलिव रिडले कछुओं की सुरक्षा पर खास नजर

ऐसा कहा जाता है कि इस वर्ष ओलिव रिडले समुद्री कछुओं की बड़े पैमाने पर हैचिंग समय पर हुई। अगले चार से पांच दिनों तक हैचिंग जारी रहेगी। वहीं वन विभाग कछुओं के बच्चों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।

स्थानीय लोगों ने भी वन विभाग से हाथ मिला लिया है और समुद्र के किनारे पेट्रोलिंग भी तेज कर दी गई है। बरहमपुर मंडल वन अधिकारी (डीएफओ) सनी खोकर ने बताया कि हम बच्चे कछुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं।

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