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डाक्टर बनने डेढ़ लाख छात्रों ने दी परीक्षा; चप्पल पहनकर पहुंचे परीक्षा केंद्र

रायपुर, स्कूल जीवन में ही हर छात्र अपने भविष्य को लेकर रणनीति बनाते हुए कदम बढ़ाता है। डाक्टर बनने का सपना हजारो छात्र देखते हैं। डाक्टरी की पढ़ाई और डाक्टर बनने के ख्वाहिश को पूरा करने मेडिकल कालेजों में प्रवेश लेने नीट जरूरी है। प्रदेश भर में डेढ़ लाख विद्यार्थी रविवार को नीट में शामिल हुए।

नियमानुसार दोपहर दो बजे से लेकर शाम पांच बजे तक परीक्षा हुई। परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में समय से पहुंचना था। दोपहर साढ़े 12 बजे से ही परीक्षा केंद्रों में छात्रों को प्रवेश देना शुरू हो गया। दोपहर डेढ़ बजे के बाद एंट्री बंद कर दिया गया। इसके बाद किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं मिला। परीक्षा हाल में पहुंचने का समय सवा एक बजे तक था। डेढ़ बजे से छात्रों को परीक्षा से संबंधित नियम बताएं गए पौने दो बजे तक प्रवेश पत्रों की जांच की गई ।

पौने दो बजे ही छात्रों को बुकलेट दी गई। जिसमें डिटेल्स भरना था । ठीक दो बजे से पेपर शुरू हो गया और 5 :20 तक का समय सीमा मिला। वही इस परीक्षा के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी पहले से ही कर ली थी। परीक्षा में ग्यारहवीं और बारहवीं के फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायो के प्रश्न पूछे गए। जबकि एनटीए ने इसके लिए कड़े नियम भी बनाये थे जिसमें फूल शर्ट से लेकर जूते तक को प्रतिबंधित किया गया ताकि मुन्नाभाई एमबीबीएस फ़िल्म की तरह कोई नकल न हो सके। इस लिहाज से डाक्टर बनने का सपना देखने वाले छात्र बैगेर जूते के ही परीक्षा देने आए।

नियम थे सख्त फुल आस्तीन की शर्ट या कुर्ता रहा प्रतिबंध

एनटीए की तरफ से परीक्षार्थियों के लिए ड्रेस कोड जारी किया गया है। बिना ड्रेस कोड के पहुंचने वाले छात्रों को परीक्षा देने की अनुमति नहीं मिलेगी। परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में जूता पहनने की अनुमति नहीं थी, सिर्फ सैंडल या स्लीपर पहनकर ही परीक्षा केंद्र में जा सकते हैं। इसके अलावा फुल स्लीव (अस्तीन) शर्ट, कुर्ता, टी-शर्ट भी मना है। कढ़ाई वाले कपड़े, मोटी जिप या बटल वाले भारी-भरकम कपड़े नहीं पहनना है।

प्रदेश के 13 मेडिकल कालेजों में 2020 सीटें

प्रदेश के 10 सरकारी और तीन निजी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की 2020 सीटें है। जिसमें छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। इनमें सरकारी कालेजों की 82 प्रतिशत सीट स्टेट कोटा, 15 प्रतिशत आल इंडिया और तीन प्रतिशत सेंट्रल पुल की सीटें रहती है। प्रवेश की काउंसिलिंग डीएमई कार्यालय कराएगा। नेशनल मेडिकल कमीशन की काउंसिलिंग कमेटी एमबीबीएस की 15 प्रतिशत सीटों की काउंसिलिंग दिल्ली से होगी।

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