राज्यशासन

तेन्दूपत्ता संग्रहण के अंतिम दौर में भी मौसम ने बिगाडा खेल; छत्तीसगढ़ में अब तक तीन चौथाई तेंदूपत्ता संग्रहित,16 दिन में ही संग्रहण बंद

  • 16.72 लाख मानक बोरा के लक्ष्य के विरूद्ध 12.27 लाख मानक बोरा संग्रहित

नारायण भोई

रायपुर, तेन्दूपत्ता संग्रहण के अंतिम दौर में मौसम ने खेल बिगाड दिया है। बारिश हवा पानी के चलते करीब 20 दिन चलने वाला संग्रहण कार्य 16 दिन में ही बंद हो गया है। ऐसी स्थिति में संग्रहण लक्ष्य पूरा होना मुश्किल है तथा वनवासियों को कम लाभ होगा। अलबत्ता छत्तीसगढ़ में तेन्दूपत्ता संग्रहण वर्ष 2023 के दौरान अब तक 12 लाख 27 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण किया जा चुका है, जो लक्ष्य के 75 प्रतिशत के करीब है। राज्य में चालू वर्ष के दौरान 16 लाख 72 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता के संग्रहण का लक्ष्य रखा गया है।

तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य प्रदेश के कई जिलों में शुक्रवार को समाप्त हो गया। कोरबा व कटघोरा वन मंडल में 1.30 लाख मानक बोरा पत्ता संग्रहित किए जाने का लक्ष्य था। 16 दिन के भीतर दोनाें वन मंडल में 1.02 लाख मानक बोरा पत्ता संग्रहित कर लिया गया है। लक्ष्य की तुलना में यह 28 हजार 120 मानक बोरा कम है।

राज्य में तोड़ाई शुरू होने से पहले अप्रैल माह में वर्षा और ओले गिरने वजह से इस वर्ष पत्ताें का संग्रहण कम हुआ है। आनलाइन बोली लगाकर पत्ता खरीदने वाले ठेकेदारों को तो कोई नुकसान नहीं होगा लेकिन कम पत्ता संग्रहण से संग्राहकों को कम राशि मिलेगी। खराब मौसम ने इस बार तेंदूपत्ता संग्राहकों की आस पर पानी फेर दिया है। अप्रैल माह की शुरूआत में शाख कर्तन के बाद माना जा रहा था कि 16.72 लाख मानक बोरा तोड़ाई लक्ष्य को पार कर लिया जाएगा। पर ऐसा नहीं हो रहा।

अमूमन 20 दिन तक चलने वाली तेंदूपत्ता संग्रहण 16 दिन में ही बंद हो गई। बताना होगा कि इस बार 25 अप्रैल से एक मई बीच शुरू होने वाली संग्रहण की शुरूआत 1 से आठ मई को हुई। पत्तों को सबसे अधिक नुकसान ओले पड़ने से हुई। मौसम साफ होने से पत्तों का संग्रहण 28 मई तक जारी रहने की संभावना थी लेकिन शुक्रवार को हुई वर्षा से पत्तों के सड़ने की आशंका को देखते हुए कई वन मंडल के फड़ को बंद कर दिया गया। पत्तों का दर बीते वर्ष की तरह इस बार भी 400 रुपये सैकड़ा रखा गया है।

इधर प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ अनिल राय ने बताया कि राज्य में अब तक संग्रहित मात्रा में से वनमण्डल बीजापुर में 73 हजार 99 मानक बोरा तथा सुकमा में एक लाख 19 हजार 243 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण शामिल है। इसी तरह वनमण्डल दंतेवाड़ा में 15 हजार 630 मानक बोरा, जगदलपुर में 20 हजार 971 मानक बोरा, दक्षिण कोण्डागांव में 18 हजार 608 मानक बोरा तथा केशकाल में 24 हजार 963 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण हुआ है। वनमण्डल नारायणपुर में 18 हजार 485 मानक बोरा, पूर्व भानुप्रतापपुर में 90 हजार 649 मानक बोरा, पश्चिम भानुप्रतापपुर में 32 हजार 196 मानक बोरा, तथा कांकेर में 33 हजार 342 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण हो चुका है।

  इसी तरह वनमण्डल राजनांदगांव में 60 हजार 569 मानक बोरा, खैरागढ़ में 24 हजार 49 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण हुआ है। बालोद में 19 हजार 17 मानक बोरा, कवर्धा में 32 हजार 97 मानक बोरा, वनमण्डल धमतरी में 20 हजार 584 मानक बोरा, गरियाबंद में 77 हजार 570 मानक बोरा, महासमुंद 70 हजार 78 मानक बोरा तथा बलौदाबाजार 15 हजार 949 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण किया गया है। वनमण्डल बिलासपुर में 25 हजार 200 मानक बोरा, मरवाही 10 हजार 683 मानक बोरा, जांजगीर-चांपा में 6 हजार 881 मानक बोरा, रायगढ़ में 49 हजार 23 मानक बोरा, धरमजयगढ़ में 70 हजार 861 मानक बोरा, कोरबा में 43 हजार 705 मानक बोरा तथा कटघोरा में 56 हजार 844 मानक बोरा का संग्रहण हुआ है। इसी तरह वनमण्डल जशपुर में 27 हजार 291 मानक बोरा, मनेन्द्रगढ़ 22 हजार 530 मानक बोरा, कोरिया में 15 हजार 626 और सरगुजा में 20 हजार 595 मानक बोरा, बलरामपुर में 71 हजार 156 मानक बोरा, सूरजपुर में 39 हजार 148 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण हो चुका है।

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