राज्यशासन

इस साल 125 लाख मी.टन धान खरीदी का अनुमान; मंत्री अकबर बोले-राज्य सरकार खरीदती है किसानों का धान, ऋण लेकर करती है भुगतान,केन्द्र सरकार नहीं देती कोई अनुदान

रायपुर, वन एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि धान खरीदी राज्य सरकार के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है। राज्य सरकार प्रदेश के पंजीकृत किसानों से धान खरीदी करती है और बैंको से ऋण लेकर भुगतान करती है। केन्द्र सरकार द्वारा धान खरीदी के लिए कोई अनुदान, सहायता अथवा ऋण नहीं दी जाती।

धान खरीदी का एक सिस्टम है, राज्य सरकार किसानों से धान खरीदी करती है फिर कस्टम मिलिंग के बाद सेन्ट्रल पूल में चावल जमा किया जाता है। उसके बाद केन्द्र सरकार द्वारा जमा चावल के एवज में निर्धारित दर पर भुगतान किया जाता है। वर्ष 2023-24 में 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान है। उन्होंनेे बताया कि किसानों से अब तक 15 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान खरीदी की जा रही थी, जिसे राज्य सरकार ने बढ़ाकर 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने का निर्णय लिया है।

मंत्री अकबर ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बारे में बताया कि धान खरीदी राज्य सरकार की सबसे बड़ी योजना है। धान खरीदी के लिए राज्य सरकार प्रतिवर्ष 20 से 25 हजार करोड़ रूपए का ऋण लेती है। यह ऋण छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) के माध्यम से बैंको एवं नाबार्ड इत्यादि से लिया जाता है। धान खरीदी के लिए केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार को कोई सहायता नहीं दी जाती और न ही कोई अनुदान या ऋण दिया जाता है। बैंकों एवं नाबार्ड से ऋण राज्य सरकार की गारंटी पर दिया जाता है। पूरे देश में छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है, जहां हमारी सरकार बनने के बाद से किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीद के साथ ही प्रतिपूर्ति के रूप में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत् अतिरिक्त राशि प्रदान की जाती है। इस तरह किसानों को धान की कीमत 2500 रूपये प्रति क्विंटल मिल रही है।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना में दी जाती है 9000 रूपये प्रति एकड़ अनुदान राशि

धान खरीदी के बारे में राज्य सरकार की ओर से जानकारी देते हुए मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि राज्य सरकार की नीति और फैसलों से छत्तीसगढ़ के किसानों का जीवन खुशहाल हो रहा है। हमने किसानों को 2500 रूपये प्रति क्विंटल धान का मूल्य देने का जो वादा किया था, उसे निभाकर अपने वायदे के अनुरूप किसानों को राज्य सरकार राशि प्रदान कर रही है। सहकारी समितियों में धान बेचने वाले किसानों को समर्थन मूल्य के अलावा 9000 रूपये प्रति एकड़ की दर से 04 किस्तों में प्रदान किया जा रहा है।

सोसायटियों के जरिए किया जाता है भुगतान

मंत्री ने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने धान उत्पादक किसानों की सुविधा के लिए सेवा सहकारी समितियों की संख्या 1333 से बढ़ाकर 2058 कर दी है। धान बेचने वाले किसानों को धान की राशि का चेक छत्तीसगढ़ सरकार के सहकारिता विभाग के अंतर्गत आने वाली सहकारी समितियों के माध्यम से दिया जाता है। धान बेचने वाले किसानों का पंजीयन छत्तीसगढ़ सरकार के छत्तीसगढ़ एकीकृत किसान पोर्टल में किया जाता है ।

लगातार बढ़ रही है धान की खरीदी

मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि धान बेचने वाले पंजीकृत किसानों की संख्या 18.96 लाख से बढ़कर 29.97 लाख हो गई है। धान का रकबा 24 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 32 लाख हो गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में 92 लाख मीट्रिक टन् वर्ष 2022-23 में 107 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। वर्ष 2023-24 में 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान है।

राज्य सरकार धान खरीदी के ऋण का करती है भुगतान

मंत्री अकबर ने बताया कि वर्ष 2022-23 में राज्य सरकार ने कुल 19,209 करोड रुपये का ऋण धान खरीदी के लिए लिया था, जिसमें एन.सी.डी.सी. से 8500 करोड़, नाबार्ड से 4000 करोड़, इंडियन बैंक से 1599 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक से 1110 करोड़, बैंक आफ इंडिया से 2000 करोड़ और बैंक ऑफ बड़ौदा से 2000 करोड़ रूपये का लिया गया ऋण शामिल है।

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