कानून व्यवस्था

हाई कोर्ट की मुख्यपीठ व अन्य पीठों में अधिवक्ता कल्याण निधि वसूली क्यों

जबलपुर,  हाई कोर्ट ने नियम विरुद्ध अधिवक्ता कल्याण निधि वसूल किये जाने को चुनौती वाले मामले में पूछा है कि मुख्यपीठ जबलपुर और इंदौर व ग्वालियर पीठों में अलग नियम क्यों हैं। प्रशासनिक शील नागू व न्यायमूर्ति अवनींद्र कुमार सिंह की युगलपीठ ने इस मामले में हाई कोर्ट प्रशासन को जवाब पेश करने के निर्देश दिए। मामले पर अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।

बार एसोसिएशन अध्यक्ष का मत

मामले पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय वर्मा ने कहा कि अधिवक्ताओं से वसूल की जाने वाली अधिवक्ता कल्याण निधि की राशि का वकीलों के हित में उपयोग नहीं हो रहा है। प्रदेश का प्रत्येक अधिवक्ता एक वकालतनामा के माध्यम से अधिवक्ता परिषद सौ रुपये भुगतान कर रहा है। उन्होंने मांग की कि स्टेट बार काउंसिल से अधिवक्ता कल्याण राशि का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत करने कहा जाए।

अधिवक्ताओं ने यह दी दलील

ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व विनायक प्रसाद शाह ने दलील दी कि हाई कोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर व युगलपीठ इंदौर-ग्वालियर में अलग-अलग नियम हैं। वकालतनामा में एक से अधिक पक्षकारों के हस्ताक्षर होने पर अधिवक्ताओं से मल्टीपल फीस वसूली भी नियम विरुद्ध है। मध्य प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि नियम स्पष्ट रूप से प्रविधान है कि एक वकालतनामा पर शासन द्वारा निर्धारित 100 रुपये का टिकट चस्पा होगा। हाई कोर्ट नियम में अधिवक्ता कल्याण निधि के टिकट से संबंधित कोई एक नियम नहीं है। दलील दी गई कि यदि 226 के प्रविधान के तहत समान रिलीफ के लिए सामूहिक रूप से एक याचिका दायर की जाती है तो हाई कोर्ट की रजिस्ट्री द्वारा नियम विरुद्ध उक्त प्रकरणों को डिफाल्ट में लगाकर मल्टीपल अधिवक्ता कल्याण निधि के टिकट चस्पा कराए जाते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button