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राजनीति; उडीसा के बाद छत्तीसगढ में जोगी कांग्रेस का बीआरएस में होगा विलय, बीआरएस के नाम से ही पार्टी लड़ेगी आम चुनाव

रायपुर, आसन्न विधान सभा चुनाव के पहले छत्तीसगढ़ की राजनीति में बडा बलाव होने के संकेत मिल रहे है। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की पार्टी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) का जल्द ही तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस ) में विलय होने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार बीआरएस में जोगी कांग्रेस का विलय एक-दो दिन के भीतर ही हो जाएगा। पिछले दिनों हुई पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में जोगी कांग्रेस का बीआरएस में विलय को सिद्धांतः सहमति दे दी गई है।
स्व. अजीत जोगी के पुत्र और जोगी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी की कुछ दिनों पहले बीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से मुलाक़ात हुई थी। दोनों की मुलाक़ात के बाद ही राज्य में राजनीतिक समीकरण बदलने के संकेत मिल रहे थे। कहा जा रहा है कि 2023 में जोगी कांग्रेस बीआरएस के नाम से ही चुनाव लड़ेगी। 2018 में जोगी कांग्रेस, सीपीआई और बीएसपी मिलकर चुनाव लड़े थे। 2018 में जोगी कांग्रेस को पांच सीटें और बसपा को दो सीटें मिलीं थी। जोगी कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में 7 . 4 फीसदी वोट हासिल कर तीसरी शक्ति के रूप में उभरी थी। स्व. अजीत जोगी 2018 में किंग मैकर बनना चाहते थे, लेकिन जनता ने कांग्रेस को एकतरफा वोट दे दिया और भाजपा 15 सीटों पर ही सिमट गई थी। वैसे जोगी कांग्रेस, सीपीआई और बीएसपी का सयुंक्त वोट करीब 11 फीसदी था।

अमित जोगी लगातार तेलंगाना के मुख्यमंत्री के संपर्क में रहे हैं। दूसरी तरफ के चंद्रशेखर राव पिछले काफी समय से तेलंगाना के पड़ोसी राज्यों के नेताओं से मिल रहे हैं। उडीसा के बाद वे अपनी पार्टी भारत राष्ट्र समिति को राष्ट्रीय स्तर पर फैलाना चाहते हैं। इसलिए अमित जोगी और केसीआर की मुलाकात को राज्य के आने वाले चुनाव को ध्यान में रखकर देखा जा रहा था । हाल ही में ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री गिरिधर गमांग बीआरएस में शामिल हो चुके हैं, महाराष्ट्र के पूर्व सांसद छत्रपति संभाजीराजे से केसीआर की मुलाकात हुई है, संभाजीराजे छत्रपति शिवाजी के वंशज हैं। हालाँकि अमित जोगी कई मौकों पर बीआरएस में जनता कांग्रेस के विलय की बात को नकार चुके हैं, पर अब मजबूती के लिए विलय पर सहमति बन गई है।
छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कांग्रेस से अलग होकर, 23 जून 2016 को जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़-जेसीसीजे नाम से एक नई पार्टी बना ली। 2018 के विधानसभा चुनाव में -जेसीसीजे ने बहुजन समाज पार्टी और सीपीआई के साथ गठबंधन किया। इस गठबंधन ने 7 सीटें जीतीं, जिसमें से पांच अकेले जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के पास थीं। कई सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे। मई 2020 में जनता कांग्रेस विधायक अजीत जोगी का निधन हो गया।मरवाही में उपचुनाव हुए कांग्रेस जीत गई। उसके बाद खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद खैरागढ़ में उपचुनाव हुआ वहां भी कांग्रेस जीत गई। विधायक धर्मजीत सिंह के साथ आपसी विवाद की वजह से उन्हें जनता कांग्रेस से निकाल दिया गया। विधायक प्रमोद शर्मा धर्मजीत के साथ ही रहते हैं। जनता कांग्रेस के कार्यक्रमों में नहीं दिखते। अब वर्तमान में एक ही विधायक जनता कांग्रेस के साथ है और वे खुद दिवंगत अजीत जोगी की पत्नी डॉ. रेणु जोगी ही हैं।

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