राज्यशासन

दमन से दफ्तर नहीं खुलेंगे, झा बोले-मोदी से हाथ मिलाने की बजाय मुख्यमंत्री कर्मचारियों से हाथ मिलाए

रायपुर, कर्मचारी नेता  विजय कुमार झा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा भारतीय संविधान के कानून के समक्ष समानता के अधिकार संबंधी उपबंध के लिए आंदोलन कर रही है। एक देश, एक कानून, एक संविधान, समान नागरिकता, के नीति को अपनाने वाले केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों में महंगाई भत्ता, गृह भाड़ा भत्ता, नगर क्षतिपूर्ति भत्ता आदि में भेदभाव कर रही है। जब एक बाजार, एक कानून, एक शहर, बाजार में मूल्य भी एक तो फिर महंगाई भत्ता में भेदभाव क्यों होना चाहिए। केंद्रीय कर्मचारियों को 42% महंगाई भत्ता, राज्य सरकार के  कर्मचारियों को 33 से 5% बढ़ाकर 38% महंगाई भत्ता, तथा 10% गृह भाड़ा भत्ता और केंद्रीय कर्मचारियों को 20% गृहभाड़ा भत्ता,आज भी नगर क्षतिपूर्ति भत्ता ₹75 मात्र है। ऐसी स्थिति में कर्मचारी कानून के समक्ष समानता के अधिकार व भेदभाव की नीति को समाप्त करने आंदोलन कर रहे हैं। राज्य सरकार ने 7 जुलाई के आंदोलन को कुचलने के लिए ब्रेक इन सर्विस एवं वेतन काटने संबंधी कर्मचारी विरोधी आदेश जारी किया है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ मिला रहे हैं।

श्री झा ने कहा है कि नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाने से सरकार नहीं बनेगी। प्रदेश के 5 लाख कर्मचारियों से हाथ मिलाने पर शायद छत्तीसगढ़ में पुनः सरकार बन सके। श्री झा ने आरोप लगाया है कि 1 अगस्त से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन आंदोलन को कुचलने के लिए ही राज्य सरकार पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा 2006 में जारी किए गए ब्रेक इन सर्विस के आदेश को पुनः लागू की है। इससे कर्मचारी डरने वाले नहीं हैं। कर्मचारियों का एक ही नारा है दमन से दफ्तर नहीं खुलेंगे। दूसरी ओर अनियमित कर्मचारी अत्यंत आक्रोशित हैं। चुनावी घोषणा पत्र का पालन करते हुए उन्हें नियमित किया जावे। अन्यथा सरकार स्वयं अनियमित हो जावेगी। राजस्व पटवारी संघ द्वारा किए गए आंदोलन के परिपेक्ष में पदोन्नति संबंधी आदेश जारी होना बाकी है। इसी प्रकार 26 जून को बस्तर में स्वास्थ्य संयोजक कल्याण संघ के विशाल कार्यक्रम में अनेक जनप्रतिनिधि मंत्री शामिल हुए थे। उनकी मांगों के संबंध में भी आदेश जारी होना बाकी है। वन विभाग के कर्मचारी वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर से भेंट किए हैं। वह आदेश भी जारी नहीं हुआ है। स्वास्थ्य कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। सर्व विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। इनके साथ न्याय किया जाना आवश्यक है। वृद्धावस्था में पेंशन आवश्यक है। कर्मचारियों और पेंशनरों में भेदभाव की लक्ष्मण रेखा भी समाप्त होनी चाहिए।

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