राज्यशासन

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा से अलग हुए लिपिक;बनाया अपना छत्तीसगढ़ लिपिक फेडरेशन

रायपुर, आज 21 जुलाई 2023 को इंद्रावती भवन में मीटिंग हाल क्रमांक 01 में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा से विघटित होकर समस्त लिपिकों के प्रांताध्यक्ष एकत्र हुये, उन्होने लिपिकों के हित में निर्णय लिया है कि अभी तक उनको विभिन्न संघों के द्वारा लगातार उपयोग किया जाता रहा है और हम दूसरे संघों को मजबूत किया करते थे, किंतु अब वह समय आ गया है कि जब लिपिकों के विभिन्न संघ अपने स्वयं के बैनर में आकर समान भूमिका व समान नेतृत्व के आधार पर अपनी वेतनमान सुधार/वेतन विसंगति की मांग को शासन के समक्ष रखेगे। 4 सितंबर से बेमुद्दत हडताल की जयेगी।

विगत कुछ हड़तालों के कटु अनुभव के आधार पर, हड़ताल को ऐसे समय में वापस लिया गया था जब आंदोलन अपने चरम स्तर पर था इन्ही सब कटु अनुभवों के आधार पर अब नवगठित छत्तीसगढ़ लिपिक फेडरेशन ने किसी भी संघ के आगामी आंदोलन में शामिल नही होने का निर्णय सर्वसम्मिति से लिया है। लिपिकों के वेतन विसंगति की मांग 40 वर्षो से अधिक पुरानी है किंतु हमेशा से लिपिकों की इस मांग को शासन ने अनदेखा किया है।

लिपिकों को अपने पदनाम को परिवर्तित करते हुये अपने वेतनमान में सुधार/वेतन विसंगति की मांग की इस लडाई को स्वयं अपने संवर्ग के साथ सामूहिक रुप से लड़ने का निर्णय लिया गया है। उक्त बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों ने छत्तीसगढ़ लिपिक फेडरेशन के निर्माण की घोषणा की है जो वर्तमान एवं भविष्य में केवल लिपिकों की समस्याओं और उनके निराकरण के लिये अनवरत रुप से कार्य करता रहेगा। छत्तीसगढ़ लिपिक फेडरेशन समस्त लिपिकों के समूहो का संगठन है। 

उक्त बैठक में विभागाध्यक्ष/इंद्रावती भवन एवं विभिन्न संघों के पदाधिकारियों ने अपने-अपने सुझाव दिये ताकि आगामी रणनीति के अनुसार लिपिकों की मांग के अनुरुप हड़ताल का आगाज किया जा सके। आज की बैठक में निर्णय लेकर-आज ही 21 जुलाई 2023 को मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को आगामी हड़ताल की नोटिस दिया गया है। रणनीति अनुसार 22 अगस्त 2023 को सभी लिपिक सामूहिक अवकाश लेकर जिला एवं तहसील स्तर पर धरना प्रदर्शन करते हुये मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन सौपेगे। इसके पश्चात् भी यदि शासन द्वारा लिपिकों के हित में कोई ठोस/उचित निर्णय नही लिया जाता है तो 04 सितम्बर 2023 से लिपिकों के द्वारा पूरे राज्य के सभी कार्यालयों मे कार्यो को बंद करके अनिश्चितकालीन आंदोलन में जायेगे, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन की होगी।

  लिपिकों के दो महत्वपूर्ण संघ जो अभी तक अलग-अलग संघ के रुप में लिपिकों के हितों की लड़ाई लड रहे थे अब ये दोनों संघों के साथ सभी लिपिक संघ एक मंच में आने से लिपिकों के हित की यह लडाई अपने अंतिम पायदान पर जाकर ही समाप्त होगी तथा छत्तीसगढ लिपिक फेडरेशन के लिये गये निर्णय का एक स्वर में और एक जुटता के साथ लिपिक हित में आंदोलन करने का जो निर्णय लिया है उसका वहॉ उपस्थित सभी पदाधिकारियों ने स्वागत किया।

आज की बैठक में मुख्य रुप से संजय सिंह प्रांताध्यक्ष छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ, रोहित तिवारी प्रांताध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ, संतोष कुमार वर्मा कार्यकारी अध्यक्ष छ.ग.संचालनालयीन विभागाध्यक्ष कर्म.संघ, वीरेन्द्र नाग प्रांताध्यक्ष छ.ग.वन लिपिक कर्म.संघ, विभागाध्यक्ष संघ से श्रीमती जगदीप बजाज महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष, जय कुमार साहू सचिव, राजकुमार सौदिया, देवाशीष दास, आशीष ठाकुर, छ.ग.लिपिक वर्गीय शास. कर्म. संघ से जाहिद खान, राजेश सोनी, रफीक मोहम्मद, भोलाराम कीर, डीकेन्द्र खुंटे, बागेडे , सुभाष श्रीवास्तव तथा नारायण मोर्य जिलाध्यक्ष जगदलपुर, पी.एस.राणा, निखिल मसीह, तरुण डडसेना सहित विभिन्न संघों के पदाधिकारी एवं सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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