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छत्तीसगढ़ के बस्तर में बाढ़; 48 घंटों से लगातार बारिश, 50 गांवों से संपर्क टूटा

जगदलपुर, बस्तर में बीते 48 घंटों में हुई अच्छी बारिश का सबसे अधिक असर दक्षिण-पश्चिम बस्तर में देखने को मिला है। बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा और नारायणपुर जिले में नदी-नालों के उफान पर आने से 50 से अधिक गांवों का तहसील एवं जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। मौसम विभाग ने आगामी तीन-चार दिन तक बारिश जारी रहने की संभावना जताई है। इससे आगामी दिनों में स्थिति के और बिगड़ने की आशंका बढ़ गई है।

बस्तर अंचल में हालांकि इंद्रावती, मारकंडी, सबरी, नारंगी, शंकिनी-डंकनी आदि बड़ी नदियों में अभी बाढ़ की स्थिति नहीं है लेकिन इनका जलस्तर भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है। दूसरी ओर छोटे नदी-नाले रविवार से ही उफान पर चल रहे हैं।

बाढ़ से कई गांवाें का सड़क संपर्क टूटा

बीजापुर जिले में भोपालपटनम-हैदराबाद मार्ग में बीजापुर-तोएनार मार्ग में बोरजे नाला, बीजापुर-गंगालूर के बीच चेरपाल नाला, नेलसनार-मिरतूर के बीच मिरतूर नदी में बाढ़ से कई गांवाें का सड़क संपर्क बाधित है। दंतेवाड़ा जिले में कलेकल्याण-दंतेवाड़ा, बुरगुम-रेवाली मार्ग बंद है। यहां मलगेर, डूमाम, गोला नाला में बाढ़ है। सुकमा जिले में मलगेर व फूल नदी तथा मुकरम नाला में बाढ़ से दोरनापाल-जगरगुंडा, छिंदगढ़-गादीरास मार्ग बंद है।

जिला कलेक्टरों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया

नारायणपुर के ओरछा विकासखंड, बस्तर के लोहंडीगुड़ा व दरभा विकासखंड में भी एक दर्जन गांवों का तहसील व जिला मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है। बुधवार को बीजापुर कलेक्टर राजेन्द्र कटारा, दंतेवाड़ा कलेक्टर एस हरीश ने अपने-अपने जिलों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर स्थिति देखी। राहत एवं बचाव कार्य के लिए सभी जिलों में तैयारियां रखी गई हैं।

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