राज्यशासन

ईडी की गिरफ्त में आई रानू साहू छत्तीसगढ़ की दूसरी आईएएस अफसर; गरियाबंद जिले के पांडुका की निवासी

रायपुर, छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने आइएएस रानू साहू को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है। विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की कोर्ट ने 3 दिन की रिमांड को मंजूरी दी है। अब आइएएस रानू साहू को ईडी 25 जुलाई को फिर से कोर्ट में पेश करेगी। रानू साहू छत्तीसगढ़ की दूसरी IAS ऑफिसर हैं जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है।

आइएएस रानू साहू पर कोयला परिवहन से लेकर डीएमएफ और सार्वजनिक खाद्य वितरण (पीडीएस) में भ्रष्टाचार करने का आरोप है।रानू साहू वर्तमान में कृषि विभाग में संचालक के पद पर पदस्थ थीं। इससे पहले रानू साहू रायगढ़ जिले की कलेक्टर रह चुकी हैं। रानू साहू 2010 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। कामों को लेकर वह कई बार चर्चा में रही हैं। इससे पहले आईएएस समीर विश्नोई गिरफ्तार हो चुके हैं और कोयला घोटाला मामले में फिलहाल रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं।  

2010 बैच की IAS रानू साहू की गिनती तेज तर्रार अफसरों में होती है। उनका जन्म छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के पांडुका में हुआ है। उनके पति का नाम जयप्रकाश मौर्य है। वह मंत्रालय में सचिव हैं। मां लक्ष्मी साहू जिला पंचायत की सदस्य हैं। पिता अरुण साहू हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं। रानू साहू की दो बहन और एक भाई है। बहन महिला विकास विभाग में अधिकारी है।

गरियाबंद की रहने वाली रानू साहू का चयन पहले राज्य पुलिस सेवा के लिए हुआ था। राज्य पुलिस सेवा में चयन के बाद वह डीएसपी के पद पर ज्वाइन की थीं। इसके बाद यूपीएससी की तैयारी करती रहीं। 2010 में आईएएस बनने के बाद उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर ही मिला। इसके बाद राज्य के कई जिलों में उन्होंने काम किया है। रायगढ़ उनका चौथा जिला रहा ।

सबसे पहले वह कांकेर की कलेक्टर बनी थीं। IAS रानू साहू ने बालोद कलेक्टर के बाद मंत्रालय में कई अहम पद संभाला हैं। उन्होंने पर्यटन मंडल के साथ-साथ जीएसटी कमिश्नर की भी जिम्मेदारी संभाली। उसके बाद उन्हें कोरबा का कलेक्टर बनाया गया था। कोरबा में एक साल से ज्यादा वक्त तक पदस्थ रहीं। कलेक्टर रानू साहू की बेहतर कार्यशैली को देखते हुए रायगढ़ जैसे बड़े जिले की बागडोर सौंपी गई थी।

कोरबा जिले में पदस्थापना के दौरान क्षेत्रीय मंत्री से विवाद के बाद आईएएस रानू साहू का रातोंरात तबादल हो गया था। उन्हें कोरबा से हटाकर रायगढ़ का कलेक्टर बना दिया गया था। अब ईडी की गिरफ्तारी से वह फिर चर्चा में आ गई हैं। सरकार के मंत्री ने ही इनके खिलाफ जांच की मांग की थी। साथ ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।

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