कानून व्यवस्था

जिला सहकारी बैंक में 106 करोड़ के घोटाले में दो माह में पेश करें चार्जशीट

बिलासपुर, जिला सहकारी बैंक में 106 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में अपराध दर्ज करने विवेचना पूरी नहीं होने और कोर्ट में चार्जशीट प्रस्तुत नहीं करने पर मुख्य सचिव, एसीबी- ईओडब्ल्यू के एडीजीपी से शपथ पत्र मांगा था। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की बेंच ने मामले में दो माह में सीआरपीसी की धारा 173(2) के तहत कोर्ट में चार्जशीट पेश करने के निर्देश दिए हैं। बिलासपुर के जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में 106 करोड़ रुपए की गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए विंदेश्वरी प्रसाद खरे ने बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष देवेंद्र पाण्डेय, सीईओ वीएस बिसेन के खिलाफ डीजीपी, एसीबी-ईओडब्ल्यू में शिकायत की थी।

27 अगस्त 2011 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामले में 11 साल बाद 23 फरवरी 2022 को दोनों के खिलाफ आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। लंबे समय के बाद भी विवेचना पूरी नहीं करने और चार्जशीट प्रस्तुत नहीं करने को लेकर खरे ने एडवोकेट संजय कुमार अग्रवाल के जरिए याचिका लगाई थी।

सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव, सचिव जीएडी और एसीबी- ईओडब्ल्यू के एडीजीपी से व्यक्तिगत रूप से शपथ पत्र देने को कहा था। शपथ पत्र प्रस्तुत करने के बाद हाई कोर्ट ने दो माह में जांच पूरी करने और सीआरपीसी की धारा 173(2) के तहत कोर्ट में चार्जशीट प्रस्तुत करने को कहा है। साथ ही याचिकाकर्ता को एक सप्ताह के भीतर संबंधित एसपी को आदेश की कॉपी देने को कहा है।

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