स्वास्थ्य

एंडोनेसल एंडोस्कोपिक स्कल बेस सर्जरी से आसान हुई न्यूरोसर्जरी; नाक से मस्तिष्क का गंभीर ऑपरेशन कर रहे चिकित्सक

0  एम्स में न्यूरोसर्जरी के 20 प्रतिशत ओपीडी केस में हो रहा है प्रयोग

रायपुर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में अब एंडोनेसल एंडोस्कोपिक स्कल बेस सर्जरी से गंभीर रोगियों की न्यूरोसर्जरी की जा रही है। इसकी मदद से रोगियों के चेहरे पर कोई निशान भी नहीं बनता है और उनके शीघ्र ठीक होकर जल्द डिस्चार्ज होने की संभावना बढ़ जाती है। अब इस तकनीक को अन्य संस्थानों के न्यूरोसर्जन को भी सिखाया जा रहा है जिससे न्यूरोसर्जरी को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

इस संबंध में नए चिकित्सकों को क्षेत्र में उपलब्ध नवीनतम तकनीक की जानकारी और प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से एम्स के न्यूरोसर्जरी, एनाटॉमी और ईएनटी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एडवांस्ड एंडोस्कोपिक एंड माइक्रोस्कोपिक स्कल बेस सर्जरी विषयक दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। विशेषज्ञों का कहना था कि इस सर्जरी की मदद से मस्तिष्क की सर्जरी करने के लिए ओपन सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें नाक के ऊपरी हिस्से से खोपड़ी तक एंडोस्कोपी की मदद से ऑपरेशन किया जा सकता है।

एम्स में न्यूरोसर्जरी विभागाध्यक्ष और कार्यशाला के आयोजक डॉ. अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि इसमें एक फ्लेक्सीबल ट्यूब पर कैमरा लगा होता है जिसकी मदद से स्कल बेस सर्जरी आसानी से की जा सकती है। यह प्रमुख रूप से गंभीर न्यूरो संबंधी बीमारियों पिटीयूट्री ट्यूमर, सेरीब्रोस्पाइनल फ्लूड लीक, मेनिनजियोमा, क्रेनियोफेरिन्जियोमास आदि में काफी उपयोगी है। इसकी मदद से मस्तिष्क की साफ तस्वीर की मदद से सर्जरी आसानी से और काफी कम समय में की जा सकती है जिससे रोगी को जल्दी डिस्चार्ज करने में मदद मिलती है।

एम्स में नियमित रूप से इस प्रकार की सर्जरी की जा रही है। अब तक 100 से अधिक रोगी इसका लाभ उठा चुके हैं। न्यूरोसर्जरी की ओपीडी में आने वाले औसतन 80 रोगियों में से 20 प्रतिशत को इस सर्जरी की आवश्यकता होती है।

कार्यशाला में आए विशेषज्ञों ने इस नई तकनीक की जानकारी सभी न्यूरोसर्जन तक पहुंचाने का आह्वान किया। कार्यशाला में पीजीआई चंड़ीगढ़ के प्रो. एस.के. गुप्ता, डॉ. मानस पाणिग्रही, डॉ. सुचंदा भट्टाचार्य (हैदराबाद) और डॉ. आशीष सूरी (एम्स दिल्ली) ने प्रशिक्षण प्रदान किया। कार्यशाला का आयोजन स्कल बेस सर्जन्स सोसाइटी ऑफ इंडिया और ब्रेन एंड स्पाइन सोसाइटी के सौजन्य से किया गया।

इस अवसर पर निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने नई तकनीक की मदद से न्यूरोसर्जरी को आसान बनाने का आह्वान किया। अधिष्ठाता (शैक्षणिक) प्रो. आलोक चंद्र अग्रवाल ने अतिथियों को सम्मानित किया। डॉ. रूपा मेहता, डॉ. रिपुदमन अरोड़ा, डॉ. आशीष और डॉ. शैलेंद्र ने भी कार्यशाला में भाग लिया।

Narayan Bhoi

Narayan Bhoi is a veteran journalist with over 40 years of experience in print media. He has worked as a sub-editor in national print media and has also worked with the majority of news publishers in the state of Chhattisgarh. He is known for his unbiased reporting and integrity.

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