कानून व्यवस्था

पेशी में नहीं आने वाले दस आरोपियों की जमानत होगी रद्द, नोटिस जारी,12 साल से पेशी में नहीं आ रहे

रायपुर, भाजपा शासन काल में वर्ष 2006 में हुए 17 साल पुराने इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाला मामले के आरोपियों की लंबे समय से कोर्ट में पेश नहीं होने पर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) भूपेश कुमार बसंत ने नोटिस जारी किया है। समझा जा रहा है कि कोर्ट ने जमानत पर रिहा दस आरोपियों की जमानत खारिज करने की पूरी तैयारी कर ली है। दरअसल छत्तीसगढ़ शासन के उप महाअधिवक्ता संदीप दुबे ने बैंक घोटाले से जुड़े आरोपियों द्वारा स्वास्थ्यगत कारण बताकर जमानत का लाभ लेने पर कोर्ट में आवेदन दिया है। उन्होंने आरोपियों की जमानत को निरस्त करने के साथ ही जिला मेडिकल बोर्ड से जांच रिपोर्ट पेश करने की मांग की है। कोर्ट ने आरोपियों को इस संबंध में नोटिस जारी कर नियमित पेशी पर आने के निर्देश दिए है ताकि घोटाले की जांच-पड़ताल में रफ्तार आ सके।

संदीप कुमर दुबे ने बताया कि इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले के एक प्रकरण में 15 से अधिक आरोपी बनाए गए है, इसमें से तीन आरोपी फरार और 12 आरोपी जमानत पर रिहा है। इस प्रकरण की सुनवाई के दौरान केवल दो आरोपी ही कोर्ट पेशी में उपस्थित होते हैं जबकि 10 अन्य आरोपी बीमारी का बहाना बनाकर सुनवाई में कभी नहीं आते है। पिछले 12 साल से यह सिलसिला चल रहा है।

बैंक घोटाले के आरोपितों को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट द्वारा इस शर्त पर जमानत दी गई है कि वह कोर्ट में नियमित सुनवाई के दौरान उपस्थित रहेंगे। वहीं पुलिस को जांच में सहयोग करेंगे। न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष की दलील को गंभीरता से सुनने और अदालत की अवहेलना करने पर सभी आरोपियों को एक आखिरी मौका देते हुए नोटिस जारी किया है। जारी नोटिस में पूछा गया है कि कौन सी बीमारी है जिसके कारण वह सुनवाई में उपस्थित नहीं हो रहे है। इसे स्पष्ट करने के लिए मेडिकल बोर्ड के प्रमाण के साथ ही उपस्थित दर्ज कराएं।

इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा, उपाध्यक्ष सुलोचना आडिल, किरण शर्मा, दुर्गा देवी, सविता शुक्ला, सरोजनी शर्मा, नीरज जैन, रीता तिवारी, संगीता शर्मा एवं अन्य शामिल हैं। इनमें से केवल उमेश सिन्हा और सुलोचना आडिल कोर्ट में उपस्थित होते हैं। वहीं अन्य आरोपियों की ओर से उनके अधिवक्ताओं द्वारा धारा 317 दप्रस के तहत आवेदन पेश किया जाता है। इसमें बीमार होने के कारण अपने पक्षकार को उपस्थित होने में असमर्थ बताया जाता है।

Narayan Bhoi

Narayan Bhoi is a veteran journalist with over 40 years of experience in print media. He has worked as a sub-editor in national print media and has also worked with the majority of news publishers in the state of Chhattisgarh. He is known for his unbiased reporting and integrity.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button