राज्यशासन

रात में रेत घाटों की ऑनलाइन से ऑफलाइन टेंडर में अनियमितता की आशंका; पर्यावरण एनओसी एक साल की, ठेका 5 साल का

रायपुर, रायपुर जिले की 35 करोड़ की 7 रेत खदानों का टेंडर खनिज विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार देर रात ऑफलाइन जारी कर दिया है। यहां पर अभी तक अवैध खनन होता था। कलेक्ट्रेट में रात तीन बजे तक खनिज विभाग के अधिकारी दस्तावेजों की जांच कर टेंडर की प्रक्रिया पूरी करते रहे। रेत घाटों की ऑनलाइन से ऑफलाइन टेंडर में अनियमितता की आशंका बढ गई है।

रेत खदानों का ठेका इस बार दो साल की जगह 5 साल का किया गया है। शासन ने छत्तीसगढ़ गौण खजिन साधारण रेत नियम 2019 में संशोधन किया है। इसके तहत ठेका 5 साल और पर्यावरण विभाग की स्वीकृति 6 माह की जगह 1 साल किया गया है। एनओसी की समय सीमा खत्म होने के बाद इस दोबारा रिन्यूअल कराना होगा। विभागीय अधिकारियों के अनुसार रेत खदान की टेंडर प्रक्रिया होने के बाद अब रेत के मूल्य में राहत मिलेगी।

जिले की 7 रेत खदानों के लिए कुल 2809 आवेदन आए थे। इन आवेदनों की जांच करने के बाद खनिज विभाग के अधिकारियों ने टेंडर की प्रक्रिया पूरी की। शुक्रवार की रात को जिन रेत खदानों की टेंडर प्रक्रिया की गई है, उसमें जी-कुरूद, एच- मोहमेला (ए), आई-मोहमेला (बी), जे चिखली (ए), के चिखली (बी), एल- चिखली (सी) और एम राटाकाट की रेत खदान शामिल है।

सुबह 10 बजे से खुली पेटियां

सुबह 10 बजे से ही कलेक्टोरेट परिसर स्थित रेडक्रॉस भवन में प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारियों तथा आवेदकों की उपस्थिति में टेंडर खोलने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इनमें आवेदनों की जांच के बाद रात तीन प्रक्रिया जारी रही। प्रक्रिया के दौरान बड़ी संख्या में ठेकेदार और उनके समर्थक भी मौजूद रहे।

ऑनलाइन से ऑफलाइन की गई व्यवस्था

पिछले साल ये व्यवस्था ऑनलाइन थी। लेकिन अब इसे ऑफलाइन कर दिया गया है। ऐसा कहा जा रहा है कि रेत ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए ये व्यवस्था बदली गई है।

रेत घाटों की नीलामी

रेत घाटआवेदनइन्हें मिला टेंडर
जी-कुरूद548कृष्ण कश्यप
एच- मोहमेला (ए)597रोहित सिंघानिया
आई-मोहमेला (बी)602सरोज नेताम
जे चिखली (ए)410आदित्य कुमार वर्मा
के चिखली (बी)165रोहित खेडिया
एल- चिखली (सी)149राघवेंद्र कुमार खेडिया
एम राटाकाट339सुजीत सिंह

Narayan Bhoi

Narayan Bhoi is a veteran journalist with over 40 years of experience in print media. He has worked as a sub-editor in national print media and has also worked with the majority of news publishers in the state of Chhattisgarh. He is known for his unbiased reporting and integrity.

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