राज्यशासन

आरटीई के लंबित भुगतान के लिए निजी विद्यालय कर सकेंगे दावा; 250 करोड़ रूपए की राशि बकाया

0 वर्ष 2020-21 के लिए 21 एवं 22 सितम्बर तथा वर्ष 2021-22 के लिए 25 एवं 26 सितम्बर को खुलेगा पोर्टल
रायपुर, निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) अन्तर्गत जिन विद्यालयों के द्वारा विगत वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22  दोनो वर्षों का दावा नही किया गया है उनके लिये विभाग द्वारा आरटीई पोर्टल खोलने का निर्णय लिया गया है। वर्ष 2020-21 के लंबित भुगतान दावा के लिए 21 एवं 22 सितम्बर 2023 को तथा वर्ष 2021-22 के लंबित भुगतान दावा के लिए 25 एवं 26 सितम्बर 2023 तक पोर्टल को खोला जाएगा। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा इस संबंध में समस्त निजी विद्यालयों को सूचित किया गया है, ताकि वे निर्धारित तिथियों में दावा करें। संबंधित निजी विद्यालयों के दावा राशि के सत्यापन उपरांत पात्र विद्यालयों के खाते में राशि अन्तरित करने की कार्यवाही की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम अन्तर्गत शुल्क प्रतिपूर्ति के संबंध में छत्तीसगढ़ प्राईवेट स्कूल एसोसियेशन के द्वारा स्कूल शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें कंडिका-5 में उल्लेख किया गया है कि, शुल्क प्रतिपूर्ति की लगभग 250 करोड़ रूपए की राशि लंबित है, जिसका भुगतान किया जाए।

इन विद्यालयों का भुगतान नहीं हुआ

प्रकरण के संबंध में वस्तुस्थिति यह है कि जिन निजी विद्यालयों का भुगतान लंबित है उनके स्वयं के द्वारा निर्धारित समय पर दावा नहीं किया गया है, या उनके द्वारा नोडल अधिकारी से सत्यापन करा कर आवश्यक दस्तावेज समय पर जिला कार्यालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है। यथा वर्ष 2020-21 में सेन्ट्रल हेड (कक्षा 1 से 8वीं) में 162 निजी विद्यालय एवं स्टेट हेड (कक्षा 9वीं से 12वीं) में 147 निजी विद्यालयों के द्वारा समय पर दावा नहीं किया गया है, जिनका भुगतान लंबित है। इसी प्रकार वर्ष 2021-22 में सेन्ट्रल हेड (कक्षा 1 से 8वीं) में 62 निजी विद्यालय एवं स्टेट हेड (कक्षा 9वीं से 12वीं) में 103 निजी विद्यालयों के द्वारा समय पर दावा नहीं किया गया है। परिणामस्वरूप उन विद्यालयों का भुगतान नहीं हुआ है।

अंतिम मौका

इस कार्य हेतु विभाग द्वारा बार-बार तिथि निर्धारित किए जाने के उपरांत भी शुल्क प्रतिपूर्ति राशि की मांग नहीं की जाती है। परिणामस्वरूप आगामी वर्ष का देयक जनरेट नहीं हो पाता है एवं भुगतान लंबित होता है। जिन निजी विद्यालयों के द्वारा निर्धारित समय में दावा किया गया है उन विद्यालयों के खाते में राशि अन्तरण किया जा चुका है।निर्धारित तिथि उपरांत किसी भी जिले के द्वारा या निजी विद्यालय के द्वारा शिक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति राशि की मांग की जाती है तो उसे विभाग द्वारा मान्य नहीं किया जावेगा।

Narayan Bhoi

Narayan Bhoi is a veteran journalist with over 40 years of experience in print media. He has worked as a sub-editor in national print media and has also worked with the majority of news publishers in the state of Chhattisgarh. He is known for his unbiased reporting and integrity.

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