राज्यशासन

रायपुर जिले की सात विधानसभा के लिए मतदान 17 नवंबर को;नामांकन 21 अक्टूबर से,आचार संहिता लागू

रायपुर, रायपुर जिले में विधानसभा निर्वाचन 2023 की घोषणा के साथ ही आदर्श आचरण संहिता तत्काल प्रभावशाील हो गई है। जिले की सात विधानसभा क्रमशः 47 धरसींवा, 48-रायपुर (ग्रामीण), 49-रायपुर (पश्चिम), 50-रायपुर (उत्तर), 51-रायपुर (दक्षिण), 52-आरंग और 53-अभनपुर के चुनाव हेतु 21 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की जायेगी। नामांकन की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर, नाम वापसी की अंतिम तिथि 02 नवंबर, मतदान की तिथि 17 नवंबर और मतगणना 03 दिसंबर को की जायेगी। विधानसभा चुनाव की संपूर्ण प्रक्रिया 05 दिसंबर तक पूर्ण होगी। इस संबंध में कलेक्टर ने नोडल अधिकारियों की बैठक ली और आवश्यक निर्देश भी दिए।

आदर्श आचरण संहिता का पालन करें- भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही जिले में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने सभी शासकीय सेवकों, राजनैतिक दलों को आदर्श आचरण संहिता का पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सभी कर्मी निष्पक्ष रहें और निष्पक्ष भाव से चुनाव कार्य संपादित करें।

राजनैतिक दल तथा अभ्यर्थियों के लिए साधारण आचरण-

   किसी दल या अभ्यर्थी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जो विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों को बढ़ाये या घृणा की भावना उत्पन्न करे या तनाव पैदा करे। जब अन्य राजनैतिक दलों की आलोचना की जाय, तब वह उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पुराने आचरण और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए, यह भी आवश्यक है कि व्यक्तिगत जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना नहीं की जानी चाहिए जिनका संबंध अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक क्रियाकलाप से न हो, अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं के बारे में कोई ऐसी आलोचना नहीं की जानी चाहिए जो ऐसे आरोपों पर जिनकी सत्यता प्रमाणित न हुई हो या तोड़-मरोड़ कर कही गई बातों पर आधारित हो। मत प्राप्त करने के लिए जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की दुहाई नहीं दी जानी चाहिए। मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या पूजा के अन्य स्थानों का चुनाव प्रचार के लिए मंच के रूप में उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

   सभी दलों और अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यों से ईमानदारी के साथ बचना चाहिए, जो निर्वाचन विधि के अधीन ’’भ्रष्ट आचरण’’ और अपराध हैं- जैसे कि मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं को अभित्रस्त करना, मतदाताओं का प्रतिरूपण, मतदान केंद्र के 100 मीटर के भीतर मत संयाचना (चुनाव प्रचार) करना, मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय को खत्म होने वाली 48 घंटे की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाएं करना और मतदाताओं को सवारी से मतदान केंद्रों तक ले जाना और वहां से वापस लाना। सभी राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों को इस बात का प्रयास करना चाहिए कि वे प्रत्येक व्यक्ति के शांतिपूर्ण और विघ्नरहित घरेलू जिन्दगी के अधिकार का आदर करें चाहे वे उसके राजनैतिक विचारों या कार्यों के कितने ही विरूद्ध क्यों न हों, व्यक्तियों के विचारों या कार्यों का विरोध करने के लिए उनके घरों के सामने प्रदर्शन आयोजित करने या धरना देने के तरीकों का सहारा किसी भी परिस्थिति में नहीं लेना चाहिए।                  

   किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को झण्डा खड़ा करने, बैनर टांगने, सूचनाएं चिपकाने, नारे लिखने आदि के लिए किसी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते, दीवार आदि का उसकी सहमति के बिना उपयोग करने की अनुमति अपने अनुयायियों को नहीं देनी चाहिए। राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके समर्थक अन्य दलों द्वारा आयोजित सभाओं जुलूसों आदि में बाधाएं उत्पन्न न करें या उन्हें भंग न करें। एक राजनैतिक दल के कार्यकर्ताओं या शुभचिंतकों को दूसरे राजनैतिक दल द्वारा आयोजित सार्वजनिक सभाओं में मौखिक रूप से या लिखित रूप में प्रश्न पूछ कर या अपने दल के परचे वितरित करके गड़बड़ी पैदा नहीं करना चाहिए, किसी दल द्वारा जूलूस उन स्थानों से होकर नहीं ले जाने चाहिए जिन स्थानों पर दूसरे दल द्वारा सभाएं की जा रही हों, एक दल द्वारा निकाले गये पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ता द्वारा हटाये नहीं जाने चाहिए।
इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत अग्रवाल, जिला पंचायत के सीईओ श्री अबिनाश मिश्रा, सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button