विधानसभा

रायपुर उत्तर विधानसभा; दिलचस्प चुनावी रण में भाजपा-कांग्रेस को अपनों से ही खतरा

रायपुर, छत्‍तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की उत्तर विधानसभा सीट का चुनावी रण रोचक होता जा रहा है। यहां पर अपने ही लोग दोनों प्रमुख पार्टियों को नुकसान पहुंचाते दिखाई दे रहे हैं। व्यवस्था यानी लिफाफा नहीं मिलने को लेकर कार्यकर्ताओं में नाराजगी अब खुलकर सामने आ रही है। हालात ऐसे हैं कि कांग्रेस-भाजपा से टिकट की दावेदारी करने वाले उम्मीदवार गुपचुप तरीके से पार्टी के बजाय विरोधी को फायदा पहुंचाते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि भाजपा की ओर से कोई भी नेता खुलकर विरोध नहीं कर रहा है, लेकिन समर्थन में प्रचार करने में भी कोई सामने नहीं आ रहा है। वहीं, कांग्रेस से बगावत कर अजीत कुकरेजा सीधे चुनावी रण में उतर चुके हैं। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी पुरंदर मिश्रा को राहत की उम्मीद है लेकिन कांग्रेस के कुलदीप जुनेजा को इस सीट में नुकसान होना लगभग तय माना जा रहा है। चूंकि इस सीट में तीसरा फ्रंट नहीं है, इस वजह से कड़ा मुकाबला इन्हीं दोनों प्रत्याशियों के बीच होता दिखाई दे रहा है।

कांग्रेस के नेता पार्षद व एमआइसी सदस्य अजीत कुकरेजा भी इस चुनाव में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं। इसकी वजह से वे कांग्रेस के वोट तो प्रभावित करेंगे ही, लेकिन यहां के सिंधी समाज के ज्यादातर लोग भाजपाई हैं, ऐसे में इनके मैदान में उतरने से भाजपा का वोट भी कटना लगभग तय माना जा रहा है। वैसे भाजपा नेताओं की नजर इस पर है। फिलहाल पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी अपनी प्रतिष्ठा बचाने में लगे हुए है।

भाजपा की नेत्री रही सावित्री जगत ने इस चुनाव में टिकट नहीं मिलने की वजह से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी पर्चा दाखिल कर दिया है और चुनावी रण में उतर चुकी हैं। इसकी वजह से यहां वोट कटने का खतरा मंडरा रहा है। लेकिन उत्कल समाज से जुडे पुरंदर मिश्रा की मजबूत पकड के चलते उडिया भाषी लोगोंं का झुकाव उनपर कायम है। वैसे भी भाजपा ने ही राजधानी के रायपुर उत्तर जैसी महत्वपूर्ण सीट से उडियाभाषी नेता पुरंदर मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है। इसलिये इस विधानसभा के बहु संख्यक उडिया भाषी समुदाय के लोगों ने इसे अपनी प्रतिष्ठा मानते हुए अपने अपने स्तर पर पुरंदर मिश्रा के पक्ष में माहौल बनाने में कोई कसर नहीं छोड रहे है।

ज्ञात रहे पुरंदर मिश्रा छत्तीसगढ के सबसे बडे एवं प्रतिष्ठित गायत्री नगर रायपुर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के ट्रस्ट्री एव पुजारी भी है। गरीबोंं की सेवा एवं उत्थान के लिए उन्होंने अविभाजित मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ उत्कल समाज का गठन किया था। वे इसके संस्थापक अध्यक्ष भी रहे है। वे लम्बे समय से समाज सेवा में जुडे हुए है। क्षेत्र के उडिया बहुल इलाकों में उनके जनसंपर्क के दौरान उमडती भीड इसका द्योतक है। इस इलाके के भाजपा के पूर्व पार्षद गोपाल सोना का कहना है कि पार्टी ने पुरंदर मिश्रा को प्रत्याशी बनाकर हम पर भरोसा जताया है। उस पर हम खरे उतरेंगे ।

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