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MEDICAL EDUCATION; प्राध्यापकों की कमी से जूझ रहा है राजधानी का डेंटल कालेज, पढ़ाई प्रभावित, डिग्री के लाले पडेंगे

रायपुर , प्रदेश के एकमात्र शासकीय डेंटल कालेज के पेडोडोंटिक्स (बाल दंत चिकित्सा) विभाग में प्रोफेसर नहीं होने की वजह से एमडीएस के छात्र भटक रहे हैं। छात्रों ने इसकी शिकायत प्राचार्य से मुलाकात कर की है। वहीं, प्रोस्थोटिक्स विभाग में नियम विरुद्ध एक की जगह दो प्रोफेसर नियुक्त हैं। दूसरे प्रोफेसर को सैलरी पेडोडोंटिक्स विभाग में रिक्त प्रोफेसर के पद की दी जा रही है।

प्रदेश के इकलौते शासकीय डेंटल कालेज में पीजी के दो नए कोर्स पेडोडोंटिक्स और पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री शुरू किए गए हैं। डेंटल काउंसिलिंग आफ इंडिया (डीसीआइ) से पेडोडोंटिक्स में पीजी की तीन सीटों की मान्यता मिलने के बाद छात्रों का एडमिशन भी कर लिया गया है। प्रोफेसर की नियुक्ति नहीं होने की वजह से विगत तीन माह से पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई है।

बताया जाता है कि पेडोडोंटिक्स विभाग में प्रोफेसर की नियुक्ति नहीं होने पर छात्रों को डिग्री नहीं मिल पाएगी। साथ ही रिसर्च और थीसिस का कार्य भी नहीं हो पाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि पेडोडोंटिक्स एक ऐसा विभाग है, जहां जन्म से किशोरावस्था तक बच्चों को संपूर्ण दंत चिकित्सा देखभाल प्रदान की जाती है। इसमें विशेष स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता वाले बच्चे भी शामिल हैं। स्नातकोत्तर छात्रों को बहुत छोटे बच्चों और विशेष बच्चों की देखभाल सहित उन्नत बाल दंत चिकित्सा के सभी पहलुओं में प्रशिक्षित किया जाता है।

मांगा था एक माह का समय

डेंटल कालेज के डाक्टरों का कहना है कि एक प्रोफेसर, एक रीडर और दो लेक्चरर होने पर ही विभाग में पीजी सीट की मान्यता मिलती है। डीसीआइ सदस्यों के निरीक्षण के दौरान प्राचार्य ने एक माह के भीतर प्रोफेसर की नियुक्ति करने का समय मांगा था। लेकिन, तीन माह बीत जाने के बाद भी प्रोफेसर की नियुक्त नहीं हो पाई है।

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