राजनीति

CABINET; छत्‍तीसगढ़ में विभागों के बंटवारे में देरी पर कांग्रेस ने भी घेरा , सीएम साय पर दोतरफा दबाव

रायपुर , छत्‍तीसगढ़ में भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह और मंत्रिमंडल के गठन के बाद अब तक विभागों का बंटवारा नहीं होना चर्चा का विषय बना हुआ है। राजनीतिक पंडित मान रहे हैं कि विभागों के आवंटन नहीं होने से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पर दोतरफा दबाव बना हुआ है। एक ओर विपक्ष उन पर निर्णय नहीं ले पाने की बात कह कर दबाव बना रहा है दूसरी ओर रमन सिंह की सरकार में मंत्री रहे पार्टी के कद्दावर नेताओं और कई मौजूदा विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से उनके समर्थकों का दबाव है।

इधर, सरकार ने अपने घोषणा-पत्र को पूरा करने के लिए लोकसभा चुनाव को देखते हुए मिशन-100 की घोषणा की है, जिसके अंतर्गत राज्य सरकार की 100 दिनों की कार्ययोजना निर्धारित कर दी गई है। मंत्रियों को विभागों का बंटवारा नहीं होने की वजह से अधिकारी भी विभागीय कार्यों के लिए दिशा-निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। इस पूरे मामले में अब विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है।

विभागों के बंटवारे में देरी पर विपक्ष ने उठाए सवाल

विपक्ष का कहना है कि भाजपा में कई बड़े नेता नाराज हैं। मलाईदार विभाग की चाह में लेटलतीफी हो रही है। मुख्यमंत्री अनिर्णय की स्थिति में हैं। मंत्रिमंडल के गठन के बाद अब तक विभागों का बंटवारा नहीं कर सके हैं। इस पूरे मामले में भाजपा के पदाधिकारियों ने बीते दिनों मीडिया से चर्चा में कहा था मंत्रिमंडल का गठन हो चुका है। अब विभागों का बंटवारा भी हो जाएगा।

राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि रमन कैबिनेट के मंत्री रहे अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर व राजेश मूणत को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाना कई भाजपा नेताओं की नाराजगी की वजह बन गई है। हालांकि अब तक उनकी नाराजगी सार्वजनिक तौर पर सामने नहीं आई है। मुख्यमंत्री सहित उप मुख्यमंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह 13 दिसंबर को हुआ था। मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह 22 दिसंबर को आयोजित हुआ था। उसके बाद से अब तक विभागों के बंटवारे को लेकर कयासों का दौर जारी है। विभागों के बंटवारे को लेकर इंटरनेट मी़डिया में फिर चर्चा छिड़ गई है,वहीं एक बार फिर नई सूची प्रसारित हो रहा है। राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल की सूची एक से दो दिन के भीतर जारी हो सकती है।

सीएम का विशेषाधिकार है विभागों का बंटवारा- साव

मंत्रियों को विभागों के बंटवारे के सवाल पर दिल्ली से लौटने के बाद उपमुख्यमंत्री साव ने बयान दिया था कि यह सीएम का विशेषाधिकार है। मंत्रियों को शीघ्र ही विभागों का बंटवारा कर दिया जाएगा। सियासी गलियारों में चर्चा है कि मंत्रिमंडल के विस्तार पर पुर्नविचार करने व रमन के पूर्व कैबिनेट के कद्दावर नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल करने का दबाव विष्णुदेव सरकार पर आ चुका है। भाजपा के कई बड़े नेताओं के समर्थकों में भी मंत्रिमंडल में दिग्गज नेताओं को बाहर करने पर भीतरी तौर पर आक्रोश देखा जा रहा है। हालांकि अभी तक आक्रोश खुले तौर पर सामने नहीं आया है।

मलाईदार विभाग की चाह में लेटलतीफी

कांग्रेस मंत्रिमंडल में लेटलतीफी पर कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मंत्रिमंडल के गठन के एक हफ्ते बाद भी विभागों का बंटवारा नहीं होना सवाल खड़े कर रहा है। सभी मंत्री मलाईदार विभाग पाना चाहते हैं। यदि सेवा की भावना होती तो विभागों का बंटवारा कब का हो गया होता।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button