राज्यशासन

IAS Veera Rana; 30 वर्ष बाद मध्यप्रदेश की दूसरी महिला मुख्य सचिव बनीं वीरा राणा, अभी संभाल रहीं थीं अतिरिक्त प्रभार,रायपुर में रह चुकी हैंं अपर कलेक्टर

भोपाल, तीस वर्ष बाद मध्य प्रदेश सरकार ने 1988 बैच की आइएएस अधिकारी वीरा राणा को मुख्य सचिव बनाया है। वह अभी माध्यमिक शिक्षा मंडल की अध्यक्ष थीं और मुख्य सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार संभाल रही थीं। संभावना जताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें एक सेवावृद्धि मिल सकती है। वह 31 मार्च 2024 को सेवानिवृत्त होंगी। इसके पहले चुनाव की घोषणा हो जाएगी। आईएएस वीरा राणा अविभाजित मध्यप्रदेश में रायपुर की अपर कलेक्टर रह चुकी है।

प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव

1960 बैच की आईएएस अधिकारी निर्मला बुच थीं। सुंदरलाल पटवा सरकार में उन्हें मुख्य सचिव बनाया गया था। इसके बाद से कोई महिला अधिकारी इस पद पर नहीं पहुंच सकी। विधानसभा चुनाव के समय 30 नवंबर 2023 को तत्कालीन मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की दूसरी सेवावृद्धि की अवधि समाप्त हो रही थी। चुनाव की आचार संहिता प्रभावी होने के कारण आयोग की सहमति से प्रदेश में उपलब्ध वरिष्ठतम आईएएस अधिकारी वीरा राणा को मुख्य सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने उन पर विश्वास जताया और बुधवार को उन्हें मुख्य सचिव बना दिया गया।

सूत्रों का कहना है कि प्रशासनिक सुधार आयोग की अनुशंसा है कि उच्च पदों पर अधिकारियों को काम करने के लिए दो वर्ष की अवधि मिलनी चाहिए। उधर, लोकसभा चुनाव की घोषणा फरवरी-मार्च में कभी भी हो सकती है और सरकार यह नहीं चाहेगी कि मुख्य सचिव की पदस्थापना की गेंद चुनाव आयोग के पाले में जाए। इसे देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि सरकार फरवरी में ही वीरा राणा को एक सेवावृद्धि दिलवाने के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज सकती है। सेवावृद्धि का निर्णय प्रधानमंत्री के स्तर से होता है। लोकसभा चुनाव के बाद सरकार नए मुख्य सचिव को लेकर निर्णय करेगी।

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