राज्यशासन

PSC;सीजी पीएससी में एक और फर्जीवाड़ा, राज्य वन सेवा भर्ती में गड़बड़ी,नियम विरूध्द शारीरिक परीक्षा की तैयारी, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

बिलासपुर, सीजी पीएससी में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस बार राज्य वन सेवा (संयुक्त) भर्ती परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में इसका पर्दाफाश हुआ है। भर्ती परीक्षा के लिए जारी विज्ञापन में वन विभाग ने स्पष्ट किया था कि अभ्यर्थियों के लिए शारीरिक मापदंड परीक्षा आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा दोबारा आयोजित नहीं होगी। एक ही प्रयास में अभ्यर्थियों को शारीरिक मापदंड परीक्षा को उत्तीर्ण करना होगा। उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी ही अगले चरण के लिए पात्र होंगे।

12 सितंबर 2023 को शारीरिक मापदंड परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसमें अभ्यर्थियों को पैदल चलना था। वन क्षेत्रपाल पद के लिए आवेदन जमा करने वाले पात्र 177 अभ्यर्थियों को शारीरिक परीक्षा के लिए आमंत्रित किया गया था। 158 अभ्यर्थी शामिल हुए। इसमें 134 अभ्यर्थी को शारीरिक मापदंड परीक्षा में उत्तीर्ण घोषित किया गया। 24 अभ्यर्थी फेल हो गए। विज्ञापन जारी करते वक्त वन विभाग ने स्पष्ट किया था कि शारीरिक मापदंड परीक्षा का आयोजन एक ही बार होगा। जिन 24 उम्मीदवारों को फेल घोषित किया गया था उनके लिए वन विभाग ने अपने ही नियमों को दरकिनार कर दिया। नियमों में फेरबदल करते हुए दोबारा शारीरिक परीक्षा का आयोजन करने वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अवर सचिव ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक को पत्र लिखकर इस संबंध में अनुमति मांगी है।

वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अवर सचिव ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक को पत्र लिखकर अपात्र अभ्यर्थियों को शारीरिक दक्षता परीक्षा में पुन: अवसर प्रदान का प्रस्ताव विभाग को प्रेषित किया गया था। निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ वन सेवा परीक्षा 2020 के अंतर्गत सहायक वन संरक्षक एव वन क्षेत्रपाल पद के अभ्यर्थियों को पैदल चाल परीक्षण के लिए एक और अवसर प्रदान करने की अनुमति दी जाती है। आदेश में यह भी लिखा गया है कि उक्त पैदल चाल परीक्षण यथाशीघ्र आयोजित कर पात्र उम्मीदवारों की सूची उपलब्ध कराएं।

आरटीआई ने खोली गड़बड़ी

एक अभ्यर्थी ने सूचना के अधिकार के तहत भर्ती नियमों के संबंध में जानकारी मांगी थी। साथ ही शारीरिक दक्षता परीक्षा में अपात्र उम्मीदवारों के नाम भी सार्वजनिक करने की मांग की थी। जनसूचना अधिकारी ने दी गई जानकारी में स्पष्ट किया है कि प्रशासकीय विभाग के भर्ती नियमों में शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए दोबारा अवसर प्रदान किए जाने का प्रविधान नहीं होने के कारण सामान्य प्रशासन विभाग को काई अभिमत नहीं है

शारीरिक दक्षता परीक्षा में अपात्र उम्मीदवार

राहुल सिंह राठौर, शुभम तिवारी, मोहिबुल्लाह सिद्दीकी, विनोद कुमार यादव, आदित्य मेहर, शुभम जायसवाल, राकेश कुमार पटेल, खुमेंद्र कुमार साहू, सुशांत कुमार प्रधान, सुमीत कूमार खेवर, अभिषेक एंथोनी, वैभव राहुल, संजीव तारम, मनोज कुमार, मुकेश कुमार अचला, भूपेश मरकाम, नीलेश कुमार नेताम, पवन कुमार नेताम, जसवंत सिंह ठाकुर, भावेश शोरी, पनका रावटे, विजय कुमार, प्रवीण कुमार नेताम, ओमव्यास नेताम।

हाई कोर्ट पहुंचा मामला, शासन से मांगा जवाब

सीजी पीएससी के माध्यम से वन सेवा भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर योगेश बघेल एवं अन्य ने अधिवक्ता अमृतो दास के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें भर्ती के लिए जारी विज्ञापन में वन विभाग की शर्तों की जानकारी दी है। साथ ही यह भी कहा है कि विभाग ने एक ही बार शारीरिक भर्ती परीक्षा लेने की शर्त रखी थी। जिन 24 उम्मीदवार शारीरिक परीक्षा में अपात्र हो गए हैं उनकी भर्ती के लिए विभाग द्वारा दोबारा शारीरिक मापदंड परीक्षा आयोजन की तैयारी की जा रही है। इस पर रोक लगाने और दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग याचिकाकर्ताओं ने की है। याचिकाकर्ता ने शारीरिक मापदंड परीक्षा के बाद जारी परिणाम के आधार पर आगे की प्रक्रिया को जारी रखने की भी मांग दोहराई है। मामले की सुनवाई हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में हुई। प्रकरण की सुनवाई के बाद कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए वन विभाग व सीजी पीएससी को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। जवाब पेश करने के लिए कोर्ट ने 30 जनवरी तक की मोहलत दी है।

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