कानून व्यवस्था

ED; छत्तीसगढ में ईडी का अगला शिकार कौन होगा !.. लोकसभा चुनाव के पहले जांच एजेंसियों के लौटने की संभावना कम

रायपुर, छत्तीसगढ समेत देश के अन्य राज्यों में केंद्रीय जांच एजेंसियों की छापेमारी से जहां हडकम्प मची हुई है, वहीं लोक सभा चुनाव के पहले छत्तीसगढ में आयकर जांंच से कांग्रेस के रणनीतिकार भी मायूस है। माना जा रहा है कि भारत जोडो न्याय यात्रा के छत्तीसगढ पहुंचने के पहले फिर धामाके हो सकते है। अबकी बार जांच एजेंसियों के राडार में कौन होगा? यह कहना कठिन है, लेकिन कतिपय पूर्व मंत्री एवं अफसर दहशत में है।

पिछले दो दिनों से आईटी ने जिस तरह से पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत सहित उनके करीबियों को घेरा है और जिस तरह से जांच चल रही है। अंदेशा है कि जल्दी ही  प्रदेश का राशन घोटाले का मामला ईडी सहित सीबीआई को ट्रांसफर किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ के भूतपूर्व मुख्य मंत्री डा रमन सिंह ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल  को पत्र लिख कर अनुरोध किया है। वर्तमान छापे इसी तारतम्य में पड़े है।

राज्य आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो एवं एंटी करप्शन ब्यूरो ने कांग्रेस के नेता, पूर्व मंत्री एव अफसरो समेन शताधिक लोगों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया है। इस पर भी जल्द जांच शुरु होने वाली है। छत्तीसगढ़ में एक विभाग के 25 अधिकारी जांच के दायरे में है। इनमें से कुछ फरार चल रहे है। इसी विभाग के कुछ अफसर ईडी की जांच के चलते जेल में निरूद्ध है। सीजी पीएससी घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की बात कही जा रही है। पिछले विधान सभा चुनाव में भ्रष्टाचार भाजपा का बडा मुद्दा रहा है। ऐसे में जांच एजेंसियां छत्तीसगढ से जल्द वापस लौटेंगी ? , इसमें संदेह है।

देश में सालो तक राज्य करने वाली कांग्रेस पार्टी सहित भाजपा विरोधी पार्टियों का मानना है कि केंद्रीय सरकार ईडी, आईटी सहित सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों को उनके खिलाफ उपयोग कर रही है। उनकी छबि आम जनता में खराब कर रही है। गैर भाजपा शासित राज्यों चाहे वह पश्चिम बंगाल हो या झारखंड और जब बिहार, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में गैर भाजपा सरकार थी, तब  ईडी और आई टी ने जमीन घोटाला, कोयला घोटाला, शराब घोटाला, पीडीएस घोटाला, पेपर लीक घोटाला सरकारी नौकरी के बदले जमीन घोटाला आदि मामले को लेकर छापेमारी की। इन मामलों में  एक राज्य झारखंड  के मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन गिरफ्तार हो गए है। दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल 5 बार समंस के बावजूद बचते फिर रहे है।

 पश्चिम बंगाल के दो मंत्री, दिल्ली के दो मंत्री सहित आप पार्टी का एक सांसद जेल में बंद है। झारखंड छत्तीसगढ़ में दो  दो आईएएस अधिकारी भी जेल में है। छत्तीसगढ़ में पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत सहित उनके करीबियों के यहां दो दिन से  आई टी की जांच जारी है। ज्ञात रहे कि पश्चिम बंगाल के खाद्य मंत्री  ज्योतिप्रिय मालिक राशन घोटाले के मामले में गिरफ्तार हो चुके है। राजस्थान में पेपरलीक मामले, बिहार में नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू प्रसाद का पूरा परिवार जांच की जद में है।

इन सब बातो से बेखबर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने न खाऊंगा, न खाने दूंगा के बाद जो खा लिया है उसे निकालूंगा की तर्ज पर केंद्रीय जांच एजेंसियों को छूट देकर कार्यवाही करने की आजादी दे दी है। 2013 के पहले इन जांच एजेंसियों के काम देखे तो सीबीआई केवल ब्लाइंड मर्डर के अलावा केंद्रीय कर्मचारियों के रिश्वत लेने वाले मामले तक ही सीमित थी।  गैर भाजपा सरकारों ने सीबीआई के प्रवेश पर अनुमति न देने का रास्ता अख्तियार कर रखा है। ऐसे में दो केंद्रीय जांच एजेंसियों ईडी और आई टी ने छापेमारी बढ़ा दी है।

झारखंड,पश्चिम बंगाल,दिल्ली छत्तीसगढ़ के मंत्री ईडी और आईटी के दायरे में है। झारखंड के दो आईएएस पूजा सिंघल और छबि रंजन जेल दाखिल है। छत्तीसगढ़ में समीर विश्नोई और रानू साहू का भी यही हाल है। संख्या बल में देखे तो छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक व्यक्ति घोटाले में जेल में बंद है।

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