कानून व्यवस्था

FIRE; आग की चपेट में जंगल, वन्य प्राणियों का जीवन खतरे में

रायपुर, इन दिनों आग से छत्तीसगढ़ का जंगली इलाका धू-धू कर जल रहा है। बड़ा क्षेत्र वन्य प्राणी आश्रयणी होने के कारण समस्या और गंभीर बनी हुई है। आग से वन्य जीवों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। महासमुंद जिले वन इलाको के आसपास सैकड़ों एकड़ में आग लगी है। यह इलाका वन्य जीवों के लिए संवेदनशील माना जाता है।

वनों में आग लगने की घटना के कारण एक तरफ हरे भरे जंगलों का क्षति हो रहा है तो वही वन्य प्राणियों की जान पर भी खतरा बढ़ रहा है! वनों में आग लगने की अधिकतर घटनाओं का कारण महुआ बीनने का बताया जाता है, लेकिन कारण जो भी हो आग की वजह से जंगल जलकर खाक हो जा रहा है! ऐसे में यह भी तय है कि आग से पशु-पक्षियों को भी भारी नुकसान हो रहा है। हजारों नए पौधे जलकर नष्ट हो रहे हैं। आग पर नियंत्रण को लेकर वन्य प्राणी इलाको में वन विभाग द्वारा सक्रियता नहीं बरती जा रही है। आग पर नियंत्रण के लिए कुछ लोगों को रखने की बात कही जा रही है, बावजूद आग पर नियंत्रण नहीं होने से जंगल खाक हो रहा है।

जिले के पिथौरा इलाके के गिरना जंगल में कल बुधवार सुबह आग लग गई । आग की लपट धीरे-धीरे जंगल को अपनी चपेट में ले रहा है । आग की लपटें निरंतर बढ़ती जा रही हैं और लगभग 5० एकड़ से ऊपर जंगल में आग फैल चुकी है। इस समस्या से निपटने के लिए वन विभाग कोई ठोस कदम अभी तक नहीं उठा रहा है। जंगल धू-धू कर जल रहा है। जंगल में आग लगने के कारण का पता नहीं चल रहा है। वैसे बताया जाता है कि महुआ चुनने के क्रम मे लोग पत्तों को इकट्ठा कर उसमें आग लगाते हैं और उसी आग की चिगारी से जंगलों में आग लग जाने की घटना होती है। इसके पूर्व समीपस्थ जगल में भी आग लगी थी। इस आग के कारण वन्य प्राणी बदहवास हो गए है! बीती रात को हिरन भालू आदि वन्यप्रानियो को इधर उधर भटकते देखा गया! इसकी भनक लगते ही ग्रामीण शिकार पर उतारू हो गए !

जानकारी के मुताबिक जशपुर जिले के बगीचा-चराई डाँड वन परिक्षेत्र के रानी कोम्बो जंगल में भीषण आग लगी हुई है. आग की लपटें तेजी से हरे भरे जंगल को जलाकर राख कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ आग की वजह से वन्यप्राणियों की क्षति हो रही है! जबकि वनपरिक्षेत्र के जिम्मेदार रेंज अधिकारी सुरेंद्र कुमार होता इसकी रोकथाम करने में नाकाम रहे है! बताया जा रहा है कि उन्हें लापरवाही के कारण हटाया गया था, लेकिन अपने राजनीति प्रभाव के कारण फिर से सुरेंद्र कुमार होता को कुनकुरी का ही रेंजर बनाकर भेज दिया गया!

कुनकुरी वनपरिक्षेत्र में जगह-जगह वन अमले की लापरवाही देखने को मिल रही है। वनों की आग से रक्षा के लिए भारी-भरकम बजट को खर्च करने के लिए लाखों रुपये खर्च भी किऐ जा रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके वनों की आग रोक पाने में वन विभाग की विफल रहा है! वन विभाग की इस नाकामी को देख कर वन प्रेमियों में आक्रोश बढ़ने लगा है!

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