कानून व्यवस्था

LIQUOR SCAM; अनवर ढेबर 8 अप्रैल तक एसीबी की रिमांड पर, FIR को खारिज करने की मांग वाली याचिका पर हाईकोर्ट में इस दिन होगी सुनवाई…

रायपुर. शराब घोटाला मामले में अनवर ढेबर को रायपुर विशेष अदालत ने 8 अप्रैल तक एसीबी की रिमांड पर भेज दिया है. एसीबी की ओर से शराब घोटाला मामले में आरोपी अनवर ढेबर को कोर्ट में पेश कर 15 अप्रैल तक की रिमांड मांगी गई. ढेबर की ओर से सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता नित्या रामकृष्णनन और रायपुर कोर्ट के अधिवक्ता फैज़ल रिज़वी ने एसीबी की कार्यवाही को चुनौती दी.

सीनियर एडवोकेट नित्या रामकृष्णनन ने शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट के स्टे, नोएडा की एफ़आईआर और हाईकोर्ट के आदेश के हवाले से एसीबी वही कार्यवाही की विधिक अधिकारिता को चुनौती दी. कोर्ट में दी गई दलीलों को लेकर अधिवक्ता फैज़ल रिज़वी ने द हिट डॉट इन से कहा-“हमने कोर्ट को बताया कि एसीबी के शराब घोटाला मामले में प्रार्थी ईडी है, ईडी को सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस मामले में किसी भी कार्यवाही से रोक है. ईडी ने शराब घोटाला मामले में नोएडा में एक एफ़आईआर कराई सुप्रीम कोर्ट ने उस एफ़आईआर पर यह निर्देश दिया कि किसी भी आरोपी पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी.

रिजवी ने कहा, ईडी उसी शराब घोटाला मामले में एसीबी में वही एफ़आईआर करती है जिस पर वह पहले ही नोएडा में एफ़आईआर दर्ज करा चुकी है. हमने कोर्ट को बताया कि एसीबी की इस एफ़आईआर पर हाईकोर्ट में 482 ( एफ़आइआर ख़ारिज करने की याचिका ) दायर की गई है, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एसीबी को निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ताओं के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही ना की जाए. कोर्ट में अनवर ढेबर के गंभीर स्वास्थ्य की पुष्टि करने वाली रिपोर्ट भी पेश की गई है.

अनवर ढेबर के रिमांड आवेदन पर बचाव पक्ष की ओर से आई गंभीर विधिक आपत्तियों के जवाब में एसीबी की ओर से कोर्ट में कहा गया कि “यह सारा मसला ईडी से जुड़ा है, एसीबी का मामला अलग है. यह 2 हजार करोड़ से अधिक का घोटाला है. अनवर ढेबर की इस घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका है. हमें महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद करने हैं. न्यायालय जो भी शर्त रखे हम उसे स्वीकार करते हैं. हमें रिमांड दी जाए.

हाईकोर्ट में अनवर ढेबर की ओर से एसीबी की एफ़आईआर को ख़ारिज करने की मांग वाली याचिका पेश है और सोमवार को उस पर सुनवाई होनी है. यह उसी याचिका का दोहराव है जिस याचिका के आधार पर अनिल टुटेजा और यश टुटेजा को हाईकोर्ट से राहत मिली है.

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