राज्यशासन

GOVT; बिना सूचना महीने भर से नदारद कर्मचारी होंगे बर्खास्त,बचाने वाले पर भी होगी कार्यवाही

रायपुर, छत्तीसगढ़ में अब बिना सूचना के ऑफिस नहीं आने वाले सरकारी कर्मचारियों पर बड़ा एक्शन लेने की तैयारी है। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक ऐसे कर्मचारियों पर सीधे बर्खास्तगी की कार्रवाई होगी। इसके लिए उन्हें पहले नोटिस दिया जाएगा। यह आदेश एक महीने से ज्यादा आदतन गैरहाजिर रहने वाले सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के लिए है। ऐसे मामलों में नोटिस में उचित कारण नहीं मिलने पर निलंबन नहीं बल्कि सीधे नौकरी से निकालने की भी कार्रवाई होगी। प्रदेश के लगभग 4.5 लाख अफसरों-कर्मियों के लिए इसे अलार्मिंग माना जा रहा है।

कर्मचारियों के खिलाफ जांच बैठाई जाएगी। छह महीने के अंदर ही जांच के बाद एक्शन ले लिया जाएगा। दोषी पाए जाने पर उनकी पेंशन में भी कटौती हो सकती है। यहां तक कि अगर ऐसे कर्मचारियों को विभाग प्रमुख ने बचाने की कोशिश की तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

पहले भेजा जाएगा सूचना पत्र

विभाग की ओर से जारी किए गए आदेश के मुताबिक, एक महीने से ज्यादा बिना सूचना या अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने वाले शासकीय सेवकों को विभाग से नोटिस भेजा जाएगा। यह नोटिस अवकाश काल के दौरान उनके स्थायी पता और अगर अस्थायी पता है तो वहां भी भेजा जाएगा।

15 दिनों में देना होगा जवाब

विभाग की ओर से कहा गया है कि सूचना पत्र भेजे जाने के 15 दिन के अंदर कर्मचारियों को कारण बताना होगा कि क्यों बिना बताए छुट्टी ली गई। विभाग का कहना है कि अगर कारण उचित नहीं हुआ तो इस अनुपस्थिति को सेवा में व्यवधान माना जाएगा। साथ ही पेंशन, भत्ते आदि सभी जरूरतों को उनकी सेवा पुस्तिका में दर्ज किया जाएगा।

इसके बाद विभागीय जांच का निराकरण भी अधिकतम 6 माह में करने का निर्देश दिया गया है। आरोप सिद्ध होने पर उस कर्मचारी को सेवा से हटाने की कार्रवाई की जाएगी।

आदेश में यह भी लिखा है कि सभी विभाग इसके लिए 31 मई से पहले समीक्षा कर लें। विभाग में काम करने वाले कर्मचारी जो अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित हैं उनकी जांच कर लें। कार्यवाही नहीं परने पर कार्यालय प्रमुख की जिम्मेदार भी तय होगी।

तीन साल से गैरहाजिर कर्मचारियों की सेवा समाप्त

सामान्य प्रशासन विभाग ने एक और कड़ा कदम उठाया है। तीन साल या उससे ज्यादा समय से गैरहाजिर अफसरों और कर्मचारियों को नौकरी से हटाने का फरमान भी जारी किया गया है। कार्यालय प्रमुखों को इन निर्देशों का कड़ाई से पालन न करने पर जिम्मेदारी तय की जाएगी।

उन पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। HOD को इसके लिए 31 मई तक का वक्त दिया गया है। इसकी रिपोर्ट भी शासन ने मांगी है।

जीएडी और वित्त विभाग के निर्देश, लेकिन एक्शन नहीं

राज्य बनने के बाद से मार्च 2000 से ऐसे मसलों पर समय-समय पर जीएडी लगातार आदेश जारी करता रहा है। कम से कम 6 आदेश जारी हो चुके हैं। इसमें गैरहाजिरों पर एक्शन लने की बात कही गई थी। इसी तरह वित्त विभाग ने भी लगभग 5 सर्कुलर सरकारी विभागों को भेजे, लेकिन विभाग प्रमुखों ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया।

निलंबित रखना जरूरी नहीं: बंसल

सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) के सचिव मुकेश कुमार बंसल ने यह भी साफ किया है कि ऐसे सरकारी कर्मचारियों को विभागीय जांच के दौरान निलंबित रखना जरूरी नहीं है। निलंबित करने पर वे निलंबन भत्ते की मांग करने लगते हैं।

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