कानून व्यवस्था

PROTEST;मारपीट से नाराज सफाईकर्मियों ने किया कामकाज बंद,सड़ता रहा छह सौ टन कचरा, अब वेतन बढ़ाने की मांग पर अड़े

 रायपुर,  राजधानी रायपुर में दो दिनों से कचरा वाहन के कर्मचारी हड़ताल पर हैं। मंगलवार को कचरा वाहन चालक से मारपीट का मामला सामने आने के बाद कर्मचारियों ने कामकाज बंद कर थाने में प्रदर्शन किया, वहीं बुधवार को वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर वाहन चालक अड़ गए। महापौर से लेकर निगम के सभी जिम्मेदार अधिकारी और ठेका कंपनी रामकी के अधिकारी मामले को सुलझाने के लिए कर्मचारियों से बातचीत कर रहे हैं। बहरहाल दो दिनो से कचरा वाहन नहीं आया है, जिसकी वजह से कचरा पड़ा हुआ है। अगर गुरुवार को भी वाहन नहीं आया तो घर में कचरा रखना मुश्किल हो जाएगा।

वहीं वाहन कर्मचारियों का कहना है कि उनके वेतन में पांच से छह हजार तक की बढ़ोतरी की जाए। नौ, दस हजार की सैलरी में उनका घर नहीं चलता है। बुधवार को जहां शहरभर में छह सौ टन से अधिक कचरा घरों में ही सड़ता रहा, वहीं गुरुवार को भी शहर में कचरा नहीं उठने की पूरी आशंका है।कर्मचारियों ने बताया कि वे गुरुवार को भी हड़ताल पर रहेंगे, लेकिन ठेका कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि हम मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। इधर निगम ने भी ठेका कंपनी रामकी को नोटिस जारी कर दिया है।

वाहन चालकों ने रखी मांग

बुधवार की सुबह मामले ने तूल पकड़ी और वाहन चालक दलदल सिवनी यार्ड में एकत्र हुए। यहां उन्होंने फैसला किया कि अब हमारी सभी समस्याओं को जब दूर किया जाएगा, तभी हम काम करेंगे। महापौर भी मौके पर पहुंचे।बातचीत के दौरान महापौर से कर्मचारियों ने बताया कि उनके साथ संबंधित सुपरवाइजर अभद्रता करते हैं। उनकी सैलरी बहुत कम है। साथ मारपीट करने वाले युवक को गिरफ्तार किया जाए।

नालियों और गली-मोहल्लों में फेंक रहे कचरा

घर में सड़ते कचरे को लोग आसपास के खाली प्लाटों या खाली जगह देखकर भी फेंक रहे हैं, जिसकी वजह से निगम द्वारा मानसून से पहले की जा रही नाला, नालियों के सफाई भी बरबाद हो रही है। वहीं लोगों का कहना है कि वे आखिर कब तक घर पर कचरा भरकर रखेंगे? एक ओर जहां गुढ़ियारी क्षेत्र में मारपीट के बाद मंगलवार को कचरा वाहन नहीं चले, वहीं बुधवार को भी वाहन चालक प्रदर्शन करते रहे।

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