कानून व्यवस्था

HIT AND RUN;आरोपी को बचाना था मकसद? पुणे पोर्शे कांड में बड़ा एक्शन, क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़े 2 डॉक्टर

पुणे,  पुणे के पोर्शे कार हिट एंड रन मामले में फिर बड़ा एक्शन हुआ है. पोर्शे कार कांड में क्राइम ब्रांच ने दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है. मेडिकल रिपोर्ट में गड़बड़ी करने और सबूतों से छेड़छाड़ करने के मामले में ही इन दोनों की गिरफ्तारी हुई है. आरोप है कि इन दोनों ने ही आरोपी के ब्लड रिपोर्ट में हेरफेर किया था. पुणे पुलिस ने नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल जांच के लिए ससुन अस्पताल भेजा था. बता दें कि पुणे पोर्शे कांड की पूरे देश में चर्चा है. बीते दिनों शराब के नशे में एक नाबालिग ने अपनी पोर्शे कार से मोटरसाइकिल को रौंद दिया था. इस हादसे में दो इंजीनियरों की मौत हो गई थी.

क्राइम ब्रांच के मुताबिक, डॉ. श्रीहरि हरलोर और डॉ. अजय तावरे को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. क्राइम ब्रांच के मुताबिक, इन दोनों ने मेडिकल रिपोर्ट में गड़बड़ी की थी और सबूतों से छेड़छाड़ की थी. क्राइम ब्रांच अब इस जांच में जुटी है कि आखिर किसके कहने पर आरोपी नाबालिग की मेडिकल रिपोर्ट में इन डॉक्टरों ने गड़बड़ी की? फिलहाल, दोनों डॉक्टरों से क्राइम ब्रांच की पूछताछ जारी है. इन दोनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा और क्राइम ब्रांच रिमांड लेने की कोशिश करेगी.

दादा पर भी एक्शन
फिलहाल, इस पुणे हिट एंड रन केस में आरोपी, उसके पिता और दादा गिरफ्तार हो चुके हैं. पुणे पुलिस ने शनिवार को 17 वर्षीय आरोपी के दादा को गिरफ्तार किया था. पुलिस का दावा है कि आरोपी के दादा और पिता ने एक्सीडेंट की जिम्मेदारी अपने सिर लेने के लिए ड्राइवर को पैसों का लालच दिया और धमकी भी दी थी. पुलिस का मानना है कि आरोपी के दादा ने ड्राइवर को कैद करके रखा था. फिलहाल, आरोपी का दादा 28 मई तक की पुलिस हिरासत में है. विशाल अग्रवाल और उनके पिता के खिलाप भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण) और 368 (गलत तरीके से छिपाना या कैद में रखना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

क्या है पूरा मामला
बता दें कि पुणे के कल्याणी नगर में पिछले रविवार तड़के पोर्श कार चला रहे नाबालिग चालक ने मोटरसाइकिल से जा रहे दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को कुचल दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. पुलिस ने दावा किया कि किशोर नशे की हालत में कार चला रहा था. मरने वालों में एक युवक और एक युवती थी. इस मामले में आरोपी किशोर को जेजेबी यानी जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने बुधवार को सुधार गृह भेज दिया.

निबंध लिखने पर जमानत
इससे पहले किशोर न्याय बोर्ड ने किशोर को जमानत देते हुए सड़क दुर्घटनाओं पर एक निबंध लिखने के लिए कहा था. लेकिन पुलिस के नरम रुख को लेकर नाराजगी और समीक्षा याचिका दायर किए जाने के बाद उसे पांच जून तक एक सुधार गृह में भेज दिया गया था. दुर्घटना में मारे गए मध्य प्रदेश के 24 वर्षीय प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा के माता-पिता ने मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की है.

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