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VICTIM;बलि देने जा रहा परिवार खुद हो गया शिकार,हादसे में 4 लोगों की मौत,बकरा नहीं बन पाया ‘बलि का बकरा’

जबलपुर, कहते हैं जिंदगी की डोर ऊपर वाले के हाथ में होती है। उसकी मर्जी से एक पत्ता भी नहीं हिलता। इसी का उदाहरण मध्य प्रदेश के जबलपुर में देखने को मिला। जहां बकरे और मुर्गे की बलि देने जा रहे परिवार की गाड़ी अनियंत्रित होकर एक पुल से नीचे गिर गई। जिसमें 4 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि बकरा पूरी तरह सुरक्षित बच गया। उसे एक खरोंच तक नहीं आई।

दरअसल, जबलपुर के चरगवां में गुरुवार की शाम हुए दर्दनाक हादसे में एक नया मोड़ सामने आया है। जबलपुर निवासी छह लोग एक बकरे और मुर्गे की बलि देने के लिए गए थे। तभी उनकी स्कॉर्पियो कार पुल से नीचे गिर गई। जिसके चलते चार लोगों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। जबकि दो लोग बुरी तरह से घायल हैं। वहीं उसी गाड़ी में बलि देने के लिए ले जाया जा रहा बकरा सही सलामत बच गया। हर कोई ये जानकर हैरान है कि जिसकी बलि देने ले जा रहे थे, वहीं बच गया। लेकिन बलि देने वाले नहीं बच पाए।

पुलिस प्रथम दृष्टि है मान रही है कि, बकरे को बलि देने के लिए ले जाया जा रहा था। लोग इसे ऊपर वाले के चमत्कार से कम नहीं मान रहे हैं। हालांकि गाड़ी में मुर्गा भी मिला है लेकिन मुर्गा भी नहीं बच सका। हादसे का शिकार हुआ भेड़ाघाट के पास एक गांव चौकीताल इलाके का पटेल परिवार नरसिंहपुर के दादा महाराज दूल्हा देव के दर्शन-पूजा के लिए गया था। वहां विधि विधान से पूजा करने के बाद सभी लोगों ने प्रतीकात्मक रूप से बकरा और मुर्गे को दादा महाराज को अर्पित भी किया।

पूजन अनुष्ठान खत्म करने के बाद सभी अपनी सफेद रंग की स्कॉर्पियो कार में सवार होकर जबलपुर के लिए आ रहे थे। वहीं जैसे ही तेज रफ्तार कार चरगवां से आगे निकलकर सोमती नदी के पुल के पास पहुंची, तभी ड्राइवर ने कार से अपना नियंत्रण खो दिया और पल भर में ही तेज रफ्तार स्कॉर्पियो सोमती नदी के पुल से नीचे जा गिरी। इस दर्दनाक हादसे में कार सवार 6 में से 4 युवकों की मौके पर ही मौत होगी जबकि दो घायलों को गंभीर चोट आई है।

कार में मिला ‘मरा मुर्गा’ और ‘जिंदा बकरा’

हादसे के बाद बड़ी तादाद में पहुंचे स्थानीय ग्रामीणों ने कार सवार लोगों को बचाने की कोशिश की। लेकिन हादसा इतना भीषण था कि कार में बैठे 6 में से 4 युवकों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। स्थानीय ग्रामीणों को कार से शवों और घायलों को निकालने के लिए खासी जद्दोजहद करनी पड़ी। मृतकों और घायलों को बाहर निकालने के दौरान कार के भीतर से एक ज़िंदा बकरा और एक मरा हुआ मुर्गा भी मिला। बताया जा रहा है कि चौकीताल इलाके का रहने वाला पटेल परिवार अच्छी फसल की मन्नत पूरी होने के चलते दूल्हा देव के दर्शन और पूजन अर्चन करने गया था।

बलि की खबर से परिजनों का ऐतराज

गुरुवार की शाम को हुए इस दर्दनाक हादसे को लेकर मृतकों और घायलों के परिजनों ने कहा कि दूल्हा देव महाराज का दरबार सिद्ध स्थान है। जहां सदियों से पूजन अनुष्ठान और प्रतीकात्मक रूप से बकरे को अर्पित करने की परंपरा चली आ रही है। ऐसे में यह कहना गलत है कि उनके परिजन बकरे की बलि देकर लौट रहे।

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