AIIMS;एम्स में ब्रैन डैड बच्चे की किडनी से दूसरे बच्चे को मिला जीवनदान,प्रदेश का पहला पीडियाट्रिक कैडीवर किडनी ट्रांसप्लांट सफल
रायपुर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में बेमेतरा के रहने वाले 11 वर्षीय किडनी के गंभीर रोगी को किडनी ट्रांसप्लांट के माध्यम से नया जीवन मिला है। यह प्रदेश में किसी बच्चे का पहला कैडीवर किडनी ट्रांसप्लांट हैं। यह एम्स के तीन विभागों के चिकित्सकों के सघन प्रयास और ब्रेन डैड रोगी के परिजनों की दरियादिली से संभव हो सका।
बेमेतरा का रहना वाला यह बच्चा जुलाई 2022 से किडनी के गंभीर रोग से पीड़ित था। वह दिसंबर 2022 से पेरीटोनियल डायलिसिस और दिसंबर 2023 से हिम्योडायलिसिस पर था। चिकित्सकों के लगातार प्रयासों के बाद भी बच्चे की स्थिति ठीक नहीं हो रही थी। उसे हाइपरटेंशन भी हो गया था। उसे ब्रेन डैड रोगी की किडनी प्राप्त करने के लिए जून 2023 में पंजीकृत किया गया। गत दिवस बच्चे को ब्रेन डैड बच्चे की किडनी ट्रांसप्लांट की गई।
कार्यपालक निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) ने मृतक बच्चे के परिजनों द्वारा अंगदान किए जाने के निर्णय की सराहना करते हुए कहा है कि इस दुख की घड़ी में भी उन्होंने अपने बच्चे के अंगदान कर कई रोगियों को जीवन की एक नई किरण प्रदान की है जिससे समाज को प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।
नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. विनय राठौर ने कहा है कि यह प्रदेश में पहला पीडियाट्रिक केडेवरिक रीनल ट्रांसप्लांट है। ट्रांसप्लांट करने वाली टीम में डॉ. राठौर के अलावा डॉ. अमित आर. शर्मा, डॉ. दीपक बिस्वाल, यूरोलॉजी विभाग और डॉ. प्रदीप, एनेस्थिसिया विभाग भी शामिल थे। ट्रांसप्लांट समन्वय का कार्य विनिता पटेल और अंबे पटेल ने किया।