RENT;कमाई के चक्कर में मंदिर को शादी के लिए भाडे पर दिया, डिप्टी कलेक्टर सहित दो अफसर हटाए गए
लापरवाही
इंदौर, होलकर कालीन जिस ऐतिहासिक गोपाल मंदिर को स्मार्ट सिटी कंपनी ने करोड़ों रुपये खर्च कर संवारा, उस आस्था के केंद्र को रविवार को मैरिज गार्डन के रूप में तब्दील किया गया। इधर सोमवार को संभागायुक्त इंदौर दीपक सिंह ने गोपाल मंदिर इंदौर के प्रबंधक के. एल. कौशल की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी हैं। वहीं डिप्टी कलेक्टर विनोद राठौर को भी प्रभारी पद से हटा दिया गया है।
आस्था के साथ खिलवाड़ करते हुए वहां न सिर्फ शादी हुई, बल्कि मेहमानों का शाही भोज भी आयोजित किया गया। प्रशासन के धर्मस्व विभाग के अफसरों ने नियमों को ताक में रखकर इस आयोजन की अनुमति दी। इस घटनाक्रम पर शहर में हल्ला मचने पर जिम्मेदार अधिकारी जागे और जांच के आदेश दिए।
राजवाड़ा स्थित शहर के प्राचीन गोपाल मंदिर में रविवार को हुई शादी ने प्रशासन के लापरवाहीपूर्ण रवैये को उजागर कर दिया। धार्मिक आस्था के प्रमुख केंद्र को महज एक लाख रुपये में किराए पर देकर शादी का आयोजन कराया गया।
मैरिज गार्डन की तरह उपयोग
गर्भगृह के सामने हवन कुंड और मंडप बनाया गया। मंदिर के गलियारे में सोफे रखे गए और भोजन पकाने और मेहमानों को परोसने की शाही व्यवस्था करके मंदिर परिसर को किसी मैरिज गार्डन की तरह इस्तेमाल किया गया। मंदिर के बाहर मेहमानों के लिए की गई बेरिकेडिंग से भक्तों को मंदिर तक पहुंचने में परेशानी हुई।
भक्तों को दर्शन करना भी मुश्किल
वहीं गर्भगृह के सामने फेरे होने के कारण भक्तों को दर्शन करना भी मुश्किल होता रहा। भोजन पकाने और टेंट लगाने की वजह से मुख्य मंदिर के आसपास का रास्ता भी बंद कर दिया गया। विवाह आयोजन की बुकिंग 29 जुलाई को सिर्फ 25,551 रुपये में की गई थी। इसके बाद जमा हुई राशि की रसीद सामने नहीं आई।
मंदिर की पवित्रता का नहीं रखा ध्यान
होलकर कालीन प्राचीन गोपाल मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है। इसकी पवित्रता बनाए रखने वाले अधिकारियों ने मंदिर को पार्टी वेन्यू में बदलकर जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया। मंदिर की आमदनी बढ़ाने के लिए धार्मिक स्थल को पार्टी स्थल में बदल दिया। मंदिर के मैनेजर केएल कौशल का कहना है कि अधिकारी के निर्देश पर एक लाख रुपये लेकर शादी के लिए मंदिर परिसर किराए पर दिया था। मैनेजर अधिकारियों के आदेश का हवाला देकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते रहे।