
रायपुर, बार नवापारा से गुरु घासीदास नेशनल पार्क शिफ्ट किए गए दो बायसन में से एक बायसन की मौत होश में लाने दी गई एक्सपायरी दवा से हुई है। इस बात की पुष्टि वन अफसरों ने भी की है। जिम्मेदार डॉक्टर को शोकाज नोटिस जारी कर जंगल सफारी स्थित वेटनरी मेडिकल स्टॉक को सील कर दिया गया है। वन्यजीव के जानकारों के अनुसार जांच किए बगैर डॉक्टर बायसन को होश में लाने रिवाइवल डोज की डॉट लगा सकता है। वन्यजीव प्रेमियों ने दोषी डॉक्टर के खिलाफ तत्काल पीओआर दर्ज कर वन्यजीव अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की है। एक्सपायरी दवा लगाने का अपराध डॉक्टर द्वारा कबूल करने की बात सामने आई है।

गुरुघासीदास नेशनल पार्क जो अब नया टाइगर रिजर्व बन गया है। वहां बायसन की संख्या बढ़ाने बारनवापारा अभयारण्य से बायसन ट्रांसलोकेट कर गुरु घासीदास नेशनल पार्क शिफ्ट किया जाना है। इसके लिए 25 जनवरी को एक नर तथा एक सब एडल्ट मादा बायसन रेस्क्यू कर गुरु घासीदास नेशनल पार्क के लिए भेजे गए, जिसमें मादा बायसन की लंबी बेहोशी के बाद मौत हो गई थी। आशंका जताई जा रही थी कि बायसन की मौत ठंड लगने तथा लंबी दूरी की यात्रा की वजह से हुई होगी। मेडिसिन की जांच में बायसन की मौत एक्सपायरी दवा से होने की पुष्टि हुई।
डॉक्टर से विभागीय अधिकार छीने
एक्सपायरी दवा देने से बायसन की मौत की घटना के बाद डॉ. राकेश वर्मा से उनके सभी विभागीय अधिकार छीन लिए गए हैं। साथ ही उन्हें विभाग द्वारा दी गई गाड़ी तत्काल जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। डॉ. वर्मा को वन्यजीवों से संबंधित सभी दस्तावेज जंगल सफारी के डायरेक्टर धम्मशील गणवीर के सुपुर्द करने निर्देश दिए गए हैं।
बेहोश करने और होश में लाने इस दवा की डोज दी गई
बायसन को बेहोश करने जो डॉट लगाई गई, उसका नाम कैप्टिवान था। कैप्टिवान मॉर्फिन से तीन से आठ हजार गुना ज्यादा हैवी डोज रहता है। ऐसे में नर बायसन की भी गुरुघासदास टाइगर रिजर्व में मौत होने की आशंका है, नर बायसन को जहां छोड़ा गया है वहां उस बायसन के बारे. में अब तक वन अफसरों को किसी प्रकार की जानकारी नहीं मिल पाई है। होश में लाने एक्टिवान नामक दवा दी गई थी। प्राप्त दस्तावेजों के मुताबिक एक्टिवान 10 माह पूर्व ही एक्सपायरी हो गई थी। दोनों दवाएं दक्षिण आफ्रीका से खरीदी गई थी।
पांच और बायसन शिफ्ट किए जाने की थी तैयारी
बारनवापारा से दो बायसन शिफ्ट किए जाने के तत्काल बाद पांच और बायसन शिफ्ट किए जाने की तैयारी थी। बायसन की मौत की खबर आने के बाद कुछ वन अफसर बायसन की शिफ्ट करने के विरोध में आ गए। अफसरों के विरोध के चलते बायसन की शिफ्टिंग की योजना अधर में लटक गई। बायसन शिफ्ट करने की स्थिति में और पांच मूक वन्यजीवों की मौत तय थी। गुरु घासीदास नेशनल पार्क में 40 बायसन शिफ्ट किए जाने हैं।
डॉक्टर को शोकॉज नोटिस
सीसीएफ वाइल्ड लाइफ सतोविशा समाजदार ने बताया कि, बायसन की मौत एक्सपायरी दवा की डोज से होने की बात सामने आने के बाद डॉक्टर को शोकाज नोटिस जारी किया गया है। साथ ही कलेक्टर को पत्र लिखकर तत्काल एक वेटनरी डॉक्टर की मांग की गई है। जंगल सफारी स्थित वेटनरी मेडिकल को सील कर दिया गया है।
एक्सपायरी दवा से मौत
वन्यजीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने बताया कि, बायसन की मौत एक्सपायरी दवा की वजह से हुई है, इसके पूरे दस्तावेज हमने शासन के पास भेजकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जिम्मेदारों को बताना होगा कि एक्सपायरी दवा का इस्तेमाल क्यों किया गया। दवा को बायसन शिफ्ट करने के एक माह पूर्व बलौदाबाजार भेजा गया, ऐसे में दवा भेजने के पहले जांच क्यों नहीं की गई?